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जानिए भारत की उन दो वीरांगनाओं को जिनका PM ने ‘मन की बात’ में किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने कहा, महिला शक्‍ति व देश भक्‍ति की अनूठी मिसाल देखने को मिला। भारतीय सेना को लेफ्टिनेंट स्वाति और निधि के रूप में दो वीरांगनाएं मिली हैं और वे असामान्य वीरांगनाएं है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sun, 24 Sep 2017 12:03 PM (IST)Updated: Sun, 24 Sep 2017 12:13 PM (IST)
जानिए भारत की उन दो वीरांगनाओं को जिनका PM ने ‘मन की बात’ में किया जिक्र

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में 36वीं बार राष्‍ट्र को संबोधित किया। उन्‍होंने अपने संबोधन में कई मुद्दों को उठाया। इसके अलावा उन्‍होंने दो वीरांगनाओं का भी जिक्र किया जिनके पति दुश्‍मनों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्‍त हो गए लेकिन इन्‍होंने हिम्‍मत नहीं हारा और लेफ्टिनेंट के तौर पर सेना में शामिल हो गयीं।

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प्रेरक मिसाल हैं स्‍वाति और निधि

प्रधानमंत्री ने कहा, महिला शक्‍ति व देश भक्‍ति की अनूठी मिसाल देखने को मिला। भारतीय सेना को लेफ्टिनेंट स्वाति और निधि के रूप में दो वीरांगनाएं मिली हैं और वे असामान्य वीरांगनाएं है। असामान्य इसलिए हैं कि स्वाति और निधि मां भारती की सेवा करते-करते उनके पति शहीद हो गए थे।

इंडियन आर्मी में हुई शामिल

लेफ्टिनेंट स्वाति महादिक और निधि दुबे हाल में ही इंडियन आर्मी में सैन्य अधिकारी के तौर पर शामिल हुईं। साहस और दृढ़ संकल्प का अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए दोनों महिलाएं 11 महीनों का कठिन प्रशिक्षण हासिल करने के बाद सेना में अधिकारी के तौर पर शामिल हो गयीं।

स्‍वाति महादिक की पूरी कहानी


दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए कर्नल महादिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। 38 साल की स्वाति महादिक दो बच्चों की मां हैं और आर्मी आर्डिनेंस कोर ने उन्हें सेना में अधिकारी के रूप में शामिल किया। उनके पति कर्नल महादिक को वीरता के लिए सेना मेडल दिया गया था। उनकी नवंबर, 2015 को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान में मौत हो गयी थी। कर्नल महादिक सेना के 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के अधिकारी थे और उनके सहर्किमयों के अनुसार वह हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करने के लिए जाने जाते थे।स्वाति अपने पति के पदचिह्नों का पालन करते हुए पिछले साल अक्‍टूबर में सेना के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) का हिस्सा बनी थीं। स्वाति को सेना में ऑफिसर बनने के लिए एसएसबी की कठिन परीक्षा पास करनी पड़ी। उनके जज्बे को देखते हुए पूर्व रक्षा मंत्री ने उन्हें उम्र में छूट दी थी ताकि वो एसएसबी की परीक्षा में बैठ सकें।

वीरांगना निधि दुबे की कहानी

निधि दुबे नाम की एक और वीरांगना अधिकारी के तौर पर सेना में शामिल हुईं। निधि ने अपने पति को खो दिया जो सेना में नायक थे। पति की मौत के दौरान निधि गर्भवती थीं। पति नायक मुकेश दुबे के गुजरने के बाद उनकी जिंदगी मुश्किल हो गई। ससुराल वालों ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया। लेकिन निधि ने हिम्मत नहीं हारी। अपनी मेहनत और लगन के बल पर वो आर्मी में ऑफिसर बनीं।

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