कई मामलों में मिली उम्रकैद की सजा एक साथ चलेगी - सुप्रीमकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग अपराधों में फांसी की सजा दी गई है तो उसकी सारी उम्रकैद सजाएं एक साथ चलेंगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधानपीठ ने उम्रकैद की सजा भुगतने के बारे में कानूनी स्थिति साफ करते हुए कहा है कि अगर किसी व्यक्ति को एक ही ट्रायल में अलग अलग अपराधों के लिए अलग अलग उम्रकैद की सजा दी गई है तो उसकी सारी उम्रकैद की सजाएं एक साथ चलेंगी। उसे अलग अलग अपराध के लिए एक के बाद एक उम्रकैद नहीं भुगतनी होगी।
लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी को दो अपराधों के लिए अलग अलग सजा दी गई है जिसमें एक में निश्चित अवधि की कैद और दूसरे में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है तो वह पहले निश्चित अवधि की कैद भुगतेगा उसके बाद उम्रकैद काटेगा।
मंगलवार को सजा के बारे में कानूनी स्थिति साफ करने वाला यह फैसला मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनाया है। सुप्रीमकोर्ट की विभिन्न पीठों द्वारा सजा के बारे में दिये गये अलग अलग फैसलों को देखते हुए ये मामला पांच न्यायाधीशों की संविधानपीठ को विचार के लिए भेजा गया था। कोर्ट के समक्ष विचार के लिए जो कानूनी प्रश्न था उसमें कहा गया था कि अगर किसी को एक ही ट्रायल में कई हत्याओं के लिए अलग अलग उम्रकैद की सजा दी गई है तो उसको दी गई उम्रकैद की सजा एक के बाद एक चलेगी या फिर सभी एक साथ चलेंगी।
पांच न्यायाधीशों की पीठ ने स्थिति साफ करते हुए अपने फैसले में कहा कि ऐसी स्थिति में सभी अपराधों में दी गई उम्रकैद की सजाएं एक साथ चलेंगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि उम्रकैद का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति को जीवनभर की कैद। अगर उसे अलग अलग अपराधों में दी गई उम्रकैद अलग अलग काटने को कहा जाएगा तो सारी सजाएं एक दूसरे को ओवरलैप करेंगी। इसलिए उम्रकैद की सारी सजाएं एक साथ चलेंगी।
हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि अगर किसी को दो अलग अलग अपराधों में सजा सुनाई जाती है। एक अपराध में निश्चित अवधि की कैद दी जाती है और दूसरे में उम्रकैद तो ऐसी स्थिति में दोषी पहले निश्चित अवधि की कैद भुगतेगा और उसके बाद उम्रकैद की सजा काटेगा।