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GST पर दैनिक जागरण का महाभियान, आइए जीएसटी की बारीकियां सीखें

देश में पहली बार होगा केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर एक ही कर लागू करेंगी। इस तरह यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'सहकारी संघवाद' की अवधारणा का जीता जागता उदाहरण होगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 08:43 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 10:04 AM (IST)
GST पर दैनिक जागरण का महाभियान, आइए जीएसटी की बारीकियां सीखें

प्रशांत मिश्र, नई दिल्ली। एक जुलाई 2017 से देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो रहा है। जीएसटी के लागू होने के बाद सेवा कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और वैट जैसे दर्जन भर से अधिक परोक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। इससे पूरा देश 'एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार' के सूत्र में बंध जाएगा। आजादी के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार है। यह भारत के आर्थिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। देश में पहली बार होगा केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर एक ही कर लागू करेंगी। इस तरह यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'सहकारी संघवाद' की अवधारणा का जीता जागता उदाहरण होगा। 

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समाज के सभी वर्गो पर जीएसटी का प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव पड़ेगा। इस नए कर को लेकर आम लोगों और कारोबारियों के मन में तरह-तरह की जिज्ञासा और आशंकाएं भी उठ रही हैं। किस वस्तु या सेवा पर कितना जीएसटी लगेगा? जीएसटी के लिए पंजीकरण कैसे होगा? रिटर्न किस तरह दाखिल होगा? इनपुट टैक्स क्रेडिट किस तरह मिलेगा? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो आज व्यापारियों और व्यवसाइयों के मन में कौंध रहे हैं।

यही वजह है कि 'दैनिक जागरण' ने अपने पाठकों को जीएसटी की गूढ़ बातें समझाने और इस ऐतिहासिक कर सुधार के बारे में व्यापक जागरुकता लाने को 'जीएसटी की पाठशाला' के रूप में एक नए स्तंभ शुरु किया है। इसकी शुरुआत वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव डा. हसमुख अढिया के एक विशेष संपादकीय लेख से हुई जो आठ मई 2017 को प्रकाशित हुआ।

डा. अढिया ने इस लेख में बड़ी सरलता से जीएसटी की बारीकियां समझायीं। इसके बाद 'जीएसटी की पाठशाला' नाम से एक साप्ताहिक स्तंभ की शुरुआत हुई जो हर सोमवार को प्रकाशित होता है। इस स्तंभ में वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी दैनिक जागरण पढ़ने वाले कारोबारियों और आम लोगों के सवालों का जवाब देते हैं। दैनिक जागरण अब इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अपने फुटप्रिंट वाले राज्यों के डेढ़ दर्जन से अधिक शहरों में 'जीएसटी की पाठशाला' आयोजित करने जा रहा है जिसमें केंद्र और राज्यों के जीएसटी लागू करने वाले अधिकारी तथा कर कानूनों के विशेषज्ञ कारोबारियों और व्यवसाइयों के बीच जाकर उनके सवालों के जवाब देंगे।

साथ ही अखबार में भी नियमित रूप से 'जीएसटी की पाठशाला' पर एक विशेष पेज प्रकाशित किया जाएगा जिसमें हर दिन अर्थव्यवस्था के नए क्षेत्र पर जीएसटी के प्रभाव और उसके विभिन्न आयामों को सरल शब्दों में समझाया जाएगा और यह सिलसिला दो से तीन हफ्ते तक चलेगा। जीएसटी का आगमन एक नई सुबह और नई शुरुआत है। आइए हम सब इसके स्वागत के लिए खुद को तैयार करें और अपने आस-पास जीएसटी के बारे में जागरुकता लाएं।

जीएसटी से संबंधित जानकारी अौर अपने प्रश्नों के उत्तर के लिए अाप भी जीएसटी की पाठशाला में क्लिक कर सकते हैं। 


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