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कांग्रेस से नाउम्मीद लालू अपने बूते कर रहे तैयारी

अरुण अशेष, पटना। कांग्रेस के रवैये से आहत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में हैं। उन्हें हाई कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद है। जेल से जल्द बाहर निकले तो अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति पर अमल करेंगे। कांग्रेस के विकल्प के तौर पर उन्हें नए साथियों की तलाश भी नहीं है। लोजपा से

By Edited By: Published: Wed, 16 Oct 2013 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2013 07:49 PM (IST)
कांग्रेस से नाउम्मीद लालू अपने बूते कर रहे तैयारी

अरुण अशेष, पटना। कांग्रेस के रवैये से आहत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में हैं। उन्हें हाई कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद है। जेल से जल्द बाहर निकले तो अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति पर अमल करेंगे।

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पढ़ें: ..और अब जेल में लालू की सरकार

कांग्रेस के विकल्प के तौर पर उन्हें नए साथियों की तलाश भी नहीं है। लोजपा से राजद का चुनावी तालमेल तय है। मगर लोजपा को भी उतनी ही सीटें मिलेंगी, जिस पर उसकी चुनावी संभावना अच्छी हो। पिछली बार की तरह नहीं होगा। लोजपा को लोकसभा की 12 सीटें दी गई थीं। सब पर हार हो गई।

लालू प्रसाद फिलहाल रांची की जेल में हैं। राजद और दूसरे दलों के नेता उनसे लगातार मिल रहे हैं। मिलने वालों में कांग्रेस के सांसद और दूसरे नेता भी हैं। मुलाकात के दौरान लालू खुद को बेकसूर बताने के साथ-साथ कांग्रेस के रवैये पर अफसोस का इजहार करते हैं। कांग्रेस को लेकर उनके मन में मलाल भी है। वे उन दिनों को याद करना नहीं भूलते जब विदेशी बहू के नाम पर सोनिया गांधी को अलग-थलग करने की मुहिम चल रही थी, तब लालू मजबूती से सोनिया के पक्ष में खड़े हुए थे। कांग्रेस के मोर्चे पर लालू प्रसाद के सामने कई मुश्किलें भी हैं। मसलन, कांग्रेस को छोड़कर अन्य दलों से उनकी दूरी इस कदर बढ़ी है कि वे चाहकर भी किसी से दोस्ती नहीं कर सकते। कांग्रेस को नाराज कर वे यह संकेत भी नहीं देना चाहते कि लालू ने सबके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लालू को लग रहा है कि राहुल गांधी की तुलना में प्रियंका अधिक व्यावहारिक हैं। वह लालू प्रसाद के योगदान को याद रख सकती हैं।

मंगनी फिर बरसे नीतीश पर, लालू की तारीफ

जागरण ब्यूरो, पटना। जदयू सांसद मंगनी लाल मंडल राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने इसका स्पष्ट संकेत दिया। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बरसे जबकि लालू प्रसाद की खूब तारीफ की। बोले-अभी राजनीति की दो ही धारा बह रही हैं- 'नमो (नरेंद्र मोदी) धारा' और 'लालू धारा'। शेष इसमें विलीन हो जाएंगे या वे अप्रासंगिक हैं। इससे पहले विदेश से लौटकर वह दस अक्टूबर को सीधे रांची गए थे और वहां जेल में बंद लालू से मिले थे। राजद अध्यक्ष की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वे गरीबों के सर्वमान्य नेता हैं, समाजवादी पृष्ठभूमि के हैं, सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव के महानायक हैं। आज भी बिहार में सबसे बड़े जनाधार वाले नेता हैं और आगे भी रहेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए मंगनी ने कहा कि वह जनशक्ति नहीं राजशक्ति के नेता हैं। उनके बहुत कम दिन रह गए हैं। उन्होंने साफ कहा कि अगला चुनाव जदयू की टिकट पर नहीं लड़ेंगे।

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