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लाइव: बेहिसाब बारिश लाया फेलिन, तटीय इलाकों में छाया अंधेरा

देश में उन्नीस सौ नब्बे के बाद सबसे प्रचंड माना जा रहा चक्रवाती तूफान फेलिन शनिवार रात करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा तट से टकरा गया। इसके कारण ओडिशा और पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश के उत्तरी तटीय इलाकों में भीषण बारिश के साथ तेज हवाएं चलने लगीं। बारिश के कई घंटों तक जारी रहने के कारण कई नदियों में बाढ़ की आशंका है। तूफान के कारण ओडिशा के तटीय इलाकों खासकर गंजाम जिले में घनघोर अंधेरा छा गया। भुवनेश्वर समेत कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी ठप पड़ गई है।

By Edited By: Published: Sun, 13 Oct 2013 06:37 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2013 06:37 AM (IST)

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। देश में उन्नीस सौ नब्बे के बाद सबसे प्रचंड माना जा रहा चक्रवाती तूफान फेलिन शनिवार रात करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा तट से टकरा गया। इसके कारण ओडिशा और पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश के उत्तारी तटीय इलाकों में भीषण बारिश के साथ तेज हवाएं चलने लगीं। बारिश के कई घंटों तक जारी रहने के कारण कई नदियों में बाढ़ की आशंका है।

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तस्वीरों में देखिए, फेलिन का कहर

तूफान के कारण ओडिशा के तटीय इलाकों खासकर गंजाम जिले में घनघोर अंधेरा छा गया। भुवनेश्वर समेत कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी ठप पड़ गई है।

पढ़ें: फेलिन तूफान से फैली दहशत

मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर ने बताया कि गोपालपुर शहर के निकट तूफान ने सबसे पहले रात करीब 9:00 बजे दस्तक दी। उन्होंने कहा कि छह घंटे तक फेलिन का व्यापक असर रहेगा। इस दौरान इसकी गति बढ़ने की भी आशंका है। उसके बाद अगले 12 से 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तार भारत का बड़ा हिस्सा बारिश की चपेट में रह सकता है। बहरहाल, उन्होंने फेलिन को सुपर तूफान मानने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि तूफान के केंद्रीय बिंदु का 15 किलोमीटर है। इसकी रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे है जोकि 210 से 220 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। उनके मुताबिक इस तूफान की तीव्रता का स्तर 6 है जबकि 1999 में ओडिशा में आए सुपर तूफान का स्तर 7 था।

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गंजाम जिले के गोपालपुर इलाके में सबसे पहले दस्तक देने वाले फेनिल ने जगह-जगह बिजली के खंभों और पेड़ों को उजाड़ दिया। भीषण बारिश के कारण लोग घरों के अंदर सिमट कर रह गए। गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, नयागढ़, कटक, भद्रक, केंद्रपारा और राजधानी भुवनेश्वर में भी भारी बारिश की सूचना है। इस तूफान के कारण हुए नुकसान का आकलन फिलहाल नहीं लगाया जा सका है। लेकिन जहां तहां पेड़ों के उखड़ने के कारण राज्य में तीन महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत की खबर है। पश्चिम बंगाल, छत्ताीसगढ़, पूर्वी उत्तार प्रदेश और बिहार में भी कई जगहों पर बारिश हुई है। तूफान का केंद्र गोपालपुर से 150 किमी दक्षिण पूर्व और पारादीप से 260 किमी दक्षिण पूर्व बताया जा रहा है। फेलिन के बढ़ने के साथ ही समुद्र तट पर जलस्तर भी बढ़ गया है। ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। राजधानी भुवनेश्वर में भी ट्रेनों के साथ विमान सेवा निलंबित कर दी गई है। एयर इंडिया, इंडिगो और जेट एयरवेज की दस उड़ानें रद कर दी गई है।

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वहीं, आंध प्रदेश के तीन जिलों में एहतियाती कदम उठाए गए हैं। श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तानम में एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ओडिशा की सीमा से लगते श्रीकाकुलम में सुबह से ही तेज बारिश जारी है। देर रात मुख्यमंत्री एन किरन कुमार ने तूफान के असर की समीक्षा की और उत्तारी तटीय जिलों के सरकारी अधिकारियों को रातभर हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया।

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साढ़े छह लाख लोगों को निकाला गया

केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने कहा, 'हमारी प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाना है। अभी तक ओडिशा में 4.5 लाख जबकि आंध्र में करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हालांकि गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि ओडिशा के 5.5 लाख और आंध्र प्रदेश के एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा जा चुका है। ज्यादातर लोगों को दोनों राज्यों में बनाए गए 500 विशेष कैंपों में रखा गया है। तूफान रोधी इन कैंपों में प्रत्येक में 1500 लोगों को रखने की क्षमता है। इसके साथ ही इसके प्रथम तल पर जानवरों को रखा जा सकता है। यहां भोजन से लेकर दवाइयों तक का इंतजाम किया गया है।

हेलीकॉप्टर, विमान और युद्धपोत तैनात

ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आए तूफान से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अपनी ओर से पूरी कोशिश की। राहत और बचाव कार्यो के लिए 18 हेलीकॉप्टर और 12 विमानों को तैनात किया गया है। साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए दो युद्धपोत भी लगाए गए हैं। इसके अलावा सेना ने अपने 2,000 जवान राहत व बचाव कार्य के लिए ओडिशा और आंध्र प्रदेश में उतारे हैं।

फेलिन का फैलाव

-फेलिन के चलते हो रही भारी बारिश एक करोड़ 20 लाख लोगों को प्रभावित कर सकती है।

-भारी बारिश के अलावा तबाही का दूसरा सबसे बड़ा कारण समुद्री लहरें बनेंगी। ये लहरें 11 फीट तक हो सकती हैं।

-कुछ मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तटीय इलाको में टकराने के पहले तूफान की तीव्रता कम हो गई, फिर भी यह 1999 के बाद से सबसे भीषण तूफान बना हुआ है।

-तमाम अपील-अनुरोध और यहां तक कि सख्ती के बावजूद ओडिशा-आंध्र में कई स्थानों पर लोगों ने अपने घरों को खाली करने से इन्कार कर दिया। उन्हें डर था कि उनका सामान चोरी हो जाएगा।

-फेलिन के पहले शिकार ओडिशा में वे लोग बने जो बारिश और तेज हवाओं से बचने के लिए पेड़ों की शरण लिए थे। तूफान आने से पहले ही पांच लोगों के मरने की खबर आ गई।

-तटीय इलाकों से तूफान टकराने के पहले ही नारियल पेड़ों के उखड़ने और बिजली-टेलीफोन के खंभों के टूटने से सड़कें मलबे का ढेर नजर आने लगीं। तूफान आने के बाद सड़कों की पहचान भी मुश्किल हो गई।

- ओडिशा के गंजाम, गजपति, खुर्दा, नयागढ़, पुरी, कटक, केंद्रपारा, जगतसिंहपुर, जाजपुर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज जिलों में बिजली आपूर्ति बंद है।

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