कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ खड़ी हुई खाप पंचायतें
हरियाणा में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ खाप पंचायतों ने भी आवाज बुलंद की है। खाप प्रदेश में गो वध निषेध कानून की तर्ज पर इस मामले में भी कड़ा कानून चाहती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बेटियों को कोख में मारने वालों के लिए कम से कम दस
चंडीगढ़ [यशपाल शर्मा ]। हरियाणा में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ खाप पंचायतों ने भी आवाज बुलंद की है। खाप प्रदेश में गो वध निषेध कानून की तर्ज पर इस मामले में भी कड़ा कानून चाहती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बेटियों को कोख में मारने वालों के लिए कम से कम दस वर्ष की सजा का प्रावधान करने की मांग उठाई है। खाप मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को भी राज्य में बढ़ावा देंगी।
इससे पूर्व विधानसभा के बजट सत्र में माननीयों ने भी कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ कड़े कानून की वकालत की थी, जिसे सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता बताया था। मान जाट महासभा के महासचिव ओमप्रकाश का कहना है कि हरियाणा सरकार कन्या भ्रूण हत्या करने वालों के लिए कानून में दस साल की सजा का प्रावधान करे। ताकि जन्म से पहले बेटियों की हत्या करने वाले सौ बार सोचें। सतरोल खाप के मुखिया इंद्र सिंह सूबेदार का कहना है कि भ्रूण हत्या पर लगाम कसना वक्त की जरूरत है। कंडेला गांव के मुखिया टेकचंद कंडेला ने भी कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध कड़े कानून की पैरवी है।
सरकार ने खाप पंचायतों को बताया असवैंधानिक
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए झोरड़ खाप ने नई पहल की शुरुआत की है। खाप लिंग जांच कराने की सूचना देने वालों को विशेष तौर पर सम्मानित करेगी। झोरड़ खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद झोरड़ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बन चुकी है।
बीते वर्ष 21 अप्रैल को हिसार में सतरोल खाप महापंचायत में अंतरजातीय विवाहों को मंजूरी देकर इतिहास बना चुकी है। अपने गांव, गवांड और स्वगोत्र को छोड़कर आसपास के 42 गांवों में नाते-रिश्तों को मंजूरी दी गई है। सतरोल खाप हरियाणा में 250 किलोमीटर के दायरे में फैले 42 गांवों की 36 बिरादरियों का समूह है।
अखिल भारतीय जाट महासभा द्वारा शनिवार को भिवानी में आयोजित सर्व खाप महापंचायत में उत्तर भारत की 100 खापों के प्रतिनिधियों ने एक सुर में बेटी बचाने के लिए मुहिम छेड़ने का आह्वान किया था।