खाप पंचायत का फरमान, अब सिर्फ दो बच्चे
खाप पंचायतों के तुगलकी फरमान के लिए पूरे देश में चर्चित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सोमवार को पंचायत में एक नया फरमान सुनाया गया। भैंसवाल गांव में खाप पंचायत में फैसला किया गया कि अब वह सिर्फ दो बच्चे ही पैदा करेंगे, ताकि आगे आने वाली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा मिल सके। उनका विकास हो सके। हालांकि बा
जागरण संवाददाता, शामली। खाप पंचायतों के तुगलकी फरमान के लिए पूरे देश में चर्चित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सोमवार को पंचायत में एक नया फरमान सुनाया गया। भैंसवाल गांव में खाप पंचायत में फैसला किया गया कि अब वह सिर्फ दो बच्चे ही पैदा करेंगे, ताकि आगे आने वाली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा मिल सके। उनका विकास हो सके। हालांकि बाद में पंचायत के प्रभारी लोगों ने इसका खंडन किया। कहा कि हो सकता है कि यह किसी की व्यक्तिगत राय हो, लेकिन ऐसी कोई पंचायत नहीं हुई है।
भैंसवाल गांव में सोमवार को पंचायत क्षेत्र के दायरे में आने वाले 40 गांवों को विशेष लोग इकट्ठा हुए। उसमें फैसला किया गया कि लोग अब सिर्फ दो बच्चे ही पैदा करेंगे। क्षेत्र के लोग अब 'हम दो, हमारे दो' के फार्मूले पर अपने परिवार का नियोजन करेंगे। पंचायत द्वारा यह फैसला बिरादरी के कल्याण, महंगाई में बच्चों की अच्छी शिक्षा देने को ध्यान में रखकर किया गया। हालांकि बाद में इस फैसले पर विवाद खड़ा हो गया और बिरादरी के ही कुछ लोग इसे मानने से इन्कार कर रहे हैं।
पंचायत के प्रभारी लोगों से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने गांव में ऐसी किसी भी पंचायत के होने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था किसी की व्यक्तिगत राय हो सकती है।
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