Move to Jagran APP

विमानन मंत्रालय में भी कई अहम पद हैं मुखियाविहीन

विमानन मंत्रालय में उपयुक्त अधिकारी नहीं मिलने से कई अहम पद मुखियाविहीन हैं, जिसमें बीसीएएस प्रमुख और डीजीसीए प्रमुख के पद भी शामिल हैं।

By kishor joshiEdited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 11:27 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jul 2016 02:22 AM (IST)
विमानन मंत्रालय में भी कई अहम पद हैं मुखियाविहीन

नई दिल्ली (जेएनएन)। काबिल अफसरों की तलाश में सरकार के प्रमुख प्रतिष्ठान मुखिया विहीन हो रहे हैं। रेल मंत्रालय में तो सरकार ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन का कार्यकाल बढ़ाकर फिलहाल संकट से निजात पा ली है। लेकिन विमानन मंत्रालय में उड्डयन महानिदेशक पद के लिए कोई राह नहीं सूझ रही।

loksabha election banner

प्रमुख पदों पर पेशेवर लोगों को बैठाने की रणनीति सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। रेलवे बोर्ड चेयरमैन पद के लिए उपयुक्त अधिकारी न मिलने के कारण सरकार को एके मितल को ही दो वर्ष का सेवा विस्तार देना पड़ा। लेकिन डीजीसीए प्रमुख के मामले में यह तरकीब काम नहीं आई और फिलहाल यह पद खाली है। इसका दायित्व अभी तक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी एम. सत्यवती संभाल रही थीं। लेकिन प्रमोशन के कारण उन्हें श्रम मंत्रालय भेजना पड़ा है, जहां वे श्रम सचिव शंकर अगरवाल का स्थान लेंगी, जो कुछ समय बाद रिटायर होने वाले हैं। डीजीसीए में सत्यवती की जगह कौन लेगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।

पढ़ें- विमानन नीति से हवाई किराये बढ़ेंगे : आइटा

डीजीसीए प्रमुख का पद ऐसा ओहदा है जिसे एक दिन के लिए भी खाली रखना उचित नहीं माना जाता। खासकर तब जबकि इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गनाइजेशन की चौबीसों घंटे इस निगाह हो। पिछले आठ सालों में सात आइएएस अफसरों के इस पद पर शोभायमान होने ये यह आयाराम गयाराम का पर्याय बन चुका है। इस अहम संगठन के प्रति सरकार की कामचलाऊ नीति के कारण ही दो साल पहले आइसीएओ ने भारत की विमानन सुरक्षा को प्रथम श्रेणी से गिराकर द्वितीय श्रेणी में डाल दिया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि आइंदा डीजीसीए पद पर सुनिश्चित अवधि के लिए किसी पेशेवर विशेषज्ञ की नियुक्ति की जानी चाहिए।

वैसे भी नई सिविल एविएशन पालिसी और री़जनल कनेक्टिविटी स्कीम की घोषणा के बाद डीजीसीए की अहमियत कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। क्योंकि इनके चलते हवाई यातायात बढ़ोतरी होने से विमानन सुरक्षा की निगरानी की जरूरत में भी इजाफा होगा। इसलिए सरकार पेशेवर की नियुक्ति के साथ-साथ डीजीसीए के अधिकार भी बढ़ाना चाहती है, ताकि वह गड़बड़ी करने वाली एयरलाइनों और पायलटों के विरुद्ध ज्यादा सख्त कार्रवाई कर सके।

पढ़ें- रक्षा, विमानन में 100 फीसद विदेशी निवेश को मंजूरी, अन्य क्षेत्रों में भी हुआ बदलाव

लेकिन सरकार की दिक्कत यह है कि भारत में डीजीसीए प्रमुख लायक विमानन विशेषज्ञों की कमी है। जबकि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की वेतन संबंधी मांग बहुत ज्यादा है। इसलिए तलाश जारी है। इस बीच विमानन मंत्रालय ने कई आइएएस अफसरों के नाम इस कुर्सी के लिए बढ़ाएं हैं। लेकिन पीएमओ ने इन सबको खारिज कर दिया है। डीजीसीए के अलावा विमानन मंत्रालय में ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी (बीसीएएस) भी मुखिया विहीन है। कई सालों से संयुक्त आयुक्त स्तर के अफसर इसका कामकाज देख रहे हैं। इसे भरने के लिए विमानन मंत्रालय ने आइपीएस अफसर माहेश्वरी का नाम भेजा था। परंतु पीएमओ ने उसे स्वीकार नहीं किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.