शर्मनाक: आपदा में फंसी महिला श्रद्धालुओं की आबरू पर हमला!
केदारनाथ धाम परिसर में आई दैवी आपदा में फंसे श्रद्धालुओं पर नेपाली बदमाशों ने हमला कर दिया। वे उनके सामान और पैसे लूट ले गए और महिलाओं की आबरू पर भी हमला बोला। वहां फंसे लोग अपने परिजनों से यह बात बताते समय रो पड़े। श्रद्धालुओं से फोन पर हुई वार्ता के अनुसार धाम के पीछे और आ
प्रतापगढ़। केदारनाथ धाम परिसर में आई दैवी आपदा में फंसे श्रद्धालुओं पर नेपाली बदमाशों ने हमला कर दिया। वे उनके सामान और पैसे लूट ले गए और महिलाओं की आबरू पर भी हमला बोला। वहां फंसे लोग अपने परिजनों से यह बात बताते समय रो पड़े।
श्रद्धालुओं से फोन पर हुई वार्ता के अनुसार धाम के पीछे और आसपास पहाड़ी व जंगली इलाका है। यहां पर अक्सर नेपाली बदमाश आ जाते हैं। आपदा से बचने को पहाड़ी जंगलों में छिपे बदमाशों ने उनपर हमला कर दिया। नुकीले औजारों से लैस उन बदमाशों की संख्या 50 में थी। श्रद्धालुओं ने बताया कि वहां बदमाशों ने कई महिलाओं और लड़कियों के जेवरात लूट लिए। आधा दर्जन महिलाओं को बदमाश जंगल में खींच ले गए और उनकी आबरू पर हमला किया। इनमें से कुछ का तो पता ही नहीं चला। क्षेत्र में जो लोग फंसे, वे जीवित तो रहे, लेकिन भूख प्यास से बेहाल।
ऐसी त्रासदी कभी न देखी
लखनऊ, जागरण टीम। उत्ताराखंड में आई भीषण आपदा ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया। बाढ़ में फंसे कई लोग तो पूरे परिवार समेत लापता हैं। जबकि कुछ के रिश्तेदारों का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा। किसी को खाना नहीं मिल रहा तो कोई पानी को तरस रहा है। जो सही सलामत घर पहुंच रहे हैं वह अपनी धरती पर पहुंचते ही रो पड़ रहे हैं।
महोबा में तैनात आबकारी इंस्पेक्टर सरोज कुमार त्रिपाठी अपनी पत्नी, तीन लड़कियों व दो लड़कों के साथ इनोवा से केदारनाथ गए थे। कहां हैं कोई पता नहीं चल रहा है। फर्रुखाबाद के लगभग एक दर्जन लोग आपदा के बाद से लापता हैं। नर्सिग होम मालिक प्रयाग नरायन गुप्ता का बृहस्पतिवार को भी पता नहीं चला। फतेहगढ़ के दिनेश कुमार दुबे और उनके पूरे परिवार का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। कानपुर देहात के भुगनियापुर गांव के रूपराम मिश्रा, पत्नी करुणा, बेटी सलोनी और बेटा ओमजी का पता नहीं है।
कानपुर नगर राधाकृष्ण शुक्ल और उनकी पत्नी सरोजनी का भी कोई जानकारी नहीं है। हरदोई की राम चहेती, बहन प्रमोदिनी व मीनाक्षी, भाई रमारमन अपने रामाधार, उमा मिश्रा, रामनवल पांडेय, मालती देवी, रूमा पांडेय और शुभा पांडेय, राम नरायन शर्मा, आशा, अन्नू, संजय, सूरज व उनकी पत्नी और तीन बच्चे लखनऊ चार धाम यात्रा पर आठ जून को गए थे। सभी का कोई पता नहीं चल सका है। हमीरपुर से 20 लोगों का एक जत्था वहां पर आई भीषण बाढ़ में लापता हो गया है। कुरारा के सती प्रसाद मिश्र का भी पता नहीं है। सब तरफ पानी ही पानी। ऊपर आसमान पर काले बादल। देखकर ही डर लगने लगा था। ऐसी त्रासदी कभी न देखी। ये शब्द थे चार धाम की यात्रा कर लौटे इलाहाबाद अतरसुइया के गुड्डू तिवारी के।
संगम एक्सप्रेस से जैसे ही इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म पर उन्होंने पैर रखा, उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। उत्ताराखंड में प्रतापगढ़ के 700 श्रद्धालु फंसे हुए हैं। विवेक नगर के शिक्षक अनिल मिश्रा, शिवपुरी के शिव प्रसाद त्रिपाठी सहित दर्जनों लोग सड़क बह जाने से अभी तक घर नहीं लौट सके। भगवान की कृपा है कि मैं उत्ताराखंड की आफत से बचकर लौट आया। वहां मैं आगे-आगे चल रहा था और पीछे-पीछे आफत। ये आपबीती है हास्य कलाकार राजीव निगम की। मूलत: यशोदा नगर निवासी राजीव मुंबई में रह रहे हैं।
गाजीपुर के तीन यात्री प्राकृतिक आपदा में जान गवां बैठे हैं जिसमें। बिरनो गोपालपुर निवासी जनार्दन पांडेय, बाबूरायपुर मानपुर के गोपाल जी मिश्र तथा सुहवल क्षेत्र के नवली इंटर कालेज के शिक्षक विजयनारायण पांडेय की मृत्यु हो गई। सोनभद्र जनपद के 40 यात्रियों का जत्था बद्रीनाथ धाम के रास्ते में फंसा है।
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