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गरमाई काशी, टूटने लगीं सभी सीमाएं

प्रारंभ से ही हाई वोल्टेज रहा वर्तमान लोकसभा चुनाव अंतिम चरण में पहुंचते सारी सीमाओं को तोड़ गया। नरेंद्र मोदी ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए जहां तीन लाख किलोमीटर की यात्रा कर छह महीने में लगभग तीन सौ रैलियां कर डाली हों, अब उन्हें अपने ही चुनाव क्षेत्र वाराणसी में प्रचार की अनुमति को लेकर भारी

By Edited By: Published: Thu, 08 May 2014 08:32 AM (IST)Updated: Thu, 08 May 2014 10:06 AM (IST)

वाराणसी, [आशुतोष झा]। प्रारंभ से ही हाई वोल्टेज रहा वर्तमान लोकसभा चुनाव अंतिम चरण में पहुंचते सारी सीमाओं को तोड़ गया। नरेंद्र मोदी ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए जहां तीन लाख किलोमीटर की यात्रा कर छह महीने में लगभग तीन सौ रैलियां कर डाली हों, अब उन्हें अपने ही चुनाव क्षेत्र वाराणसी में प्रचार की अनुमति को लेकर भारी रस्साकशी करनी पड़ रही है। स्थानीय प्रशासन ने गुरुवार को बेनियाबाग में होने वाली मोदी की सभा पर पाबंदी लगा दी है जबकि अस्सी घाट पर गंगा पूजन और एक होटल में बुद्धिजीवियों के साथ सम्मेलन की भारी जिच के बाद देर रात अनुमति दे दी गई है।

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हालांकि प्रशासन की इस घोषणा के तत्काल बाद भाजपा के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान घोषणा की कि रोहनिया में जनसभा को छोड़कर भाजपा ने अब अपने प्रत्याशी के सभी कार्यक्रम रद कर दिए हैं। अब नरेंद्र मोदी गुरुवार की दोपहर रोहनिया में जनसभा करने के बाद बीएचयू हेलीपैड आएंगे और फिर वहां से पार्टी के चुनाव कार्यालय जाएंगें। शाह ने जिला प्रशासन पर शरारत करने का आरोप लगाते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी को हटाने की चुनाव आयोग से मांग की।

इसके पूर्व गुस्सायी भाजपा ने बेनिया मसले पर अब सीधे चुनाव आयोग से टक्कर ले ली है। वाराणसी से लेकर दिल्ली तक पार्टी नेता व कार्यकर्ता धरने पर होंगे। जाहिर है, अगले कुछ दिनों तक वाराणसी ही नहीं पूरे पूर्वाचल में भी यह बड़ा मुद्दा होगा।

यूं तो आखिरी दौर का चुनाव कई मायनों में अहम हो जाता है लेकिन इस बार एक नई इबारत लिखी जा सकती है। पटकथा की शुरुआत हो गई है। यह शायद पहला मौका हो जबकि प्रत्याशी को ही अपने चुनाव प्रचार की अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि गुरुवार को मोदी बेनियाबाग में रैली करने वाले थे। ध्यान रहे, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी पहली सभा बेनियाबाग में की थी। उन्होंने गंगा में स्नान भी किया था और गंगा पूजन में शामिल होकर प्रचार भी।

इसके पूर्व वाराणसी में कमान संभाले बैठे पार्टी नेता अरुण जेटली ने भी गहरी नाराजगी जाहिर की है। शाह के साथ उन्होंने आरोप लगाया है कि जानबूझकर मोदी को प्रचार से रोका जा रहा है। उनकी जानकारी के अनुसार खुफिया विभाग ने भी गड़बड़ी की कोई रिपोर्ट नहीं दी है। रिटर्निंग अफसर पर अपनी भड़ास निकालते हुए उन्होंने आयोग से पूछा कि इतनी महत्वपूर्ण सीट पर ऐसे व्यक्ति को कैसे बैठाया गया है। इसके खिलाफ जेटली और दूसरे नेता लंका गेट पर धरना देंगे तो दिल्ली में केंद्रीय नेता चुनाव आयोग के सामने अपनी नाराजगी जताएंगे।

सुरक्षा कारणों से नहीं दी अनुमति: सीईओ

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) उमेश सिन्हा ने बताया कि नरेंद्र मोदी की वाराणसी के बेनियाबाग में गुरुवार को सभा करने की अनुमति सुरक्षा कारणों की वजह से नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि भाजपा की स्थानीय इकाई द्वारा जितनी संख्या में लोगों के आने की जानकारी देकर बेनियाबाग में सभा की अनुमति मांगी गई थी वह संख्या मैदान की क्षमता से ज्यादा थी। ऐसे में वाराणसी जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) ने अन्य विकल्प के तहत कैंटोनमेंट ग्राउंड में सभा करने की अनुमति दे दी है।

पढ़ें: मोदी की रैली पर काशी में रार, भाजपा के रवैये पर आयोग का सवाल


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