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जेएनयू कैंपस में जलाई गई मनुस्मृति की प्रति

एबीवीपी से इस्तीफा दे चुके छात्र व वामपंथी छात्र संगठनों ने जेएनयू में प्रशासन की अनुमति के बिना मंगलवार को मनुस्मृति की फोटो कॉपी की प्रतियां जलाईं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 09 Mar 2016 02:12 AM (IST)Updated: Wed, 09 Mar 2016 02:23 AM (IST)

नई दिल्ली। जेएनयू में प्रशासन की अनुमति के बिना मंगलवार को मनुस्मृति की फोटो कॉपी की प्रतियां जलाई गई। एबीवीपी से इस्तीफा दे चुके छात्र व वामपंथी छात्र संगठनों ने साबरमती ढाबे के पास इसकी प्रतियां जलाई। एबीवीपी के पूर्व यूनिट सचिव प्रदीप नारवाल ने कहा कि मनुस्मृति महिलाओं और शूद्रों के खिलाफ है। इसलिए इसको लेकर हमारा विरोध है।

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कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्रों ने मनुवाद की कब्र खुदेगी जेएनयू की धरती पर, मनुस्मृति हो बर्बाद, सेंसरशिप नहीं सहेंगे नारे लगाए। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के सदस्य ओम कुमार ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि मनुस्मृति को जलाया जा रहा है। बाबा साहब अंबेडकर ने भी इसे जलाया था और इसे हजारों बार जलाया जा चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मनुस्मृति के विरोध में कोई कार्यक्रम करने की जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को अनुमति नहीं दी थी। बताया जा रहा है कि जेएनयू प्रशासन ने इसकी वीडियोग्राफी कराई है जिसका वामपंथी छात्र संगठनों ने विरोध किया।

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उधर, इस मामले पर एबीवीपी के सौरभ कुमार शर्मा ने कहा, बिना जाति और धर्म का भेद किए व्यक्ति को आजादी मिलनी चाहिए, लेकिन इसके लिए कोई धार्मिक ग्रंथ जलाना उचित नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि एबीवीपी से निकले हुए कुछ लोगों को बहला-फुसलाकर ऐसी गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है।

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