हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जम्मू-कश्मीर में गोमांस की बिक्री पर बैन
जम्मू-कश्मीर में गोमांस की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग गया है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए गोमांस की बिक्री पर रोक लगा दी है। बेंच ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वह हर जिले की पुलिस से इस आदेश की तामील करवाएं।

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर में गोमांस की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग गया है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए गोमांस की बिक्री पर रोक लगा दी है। बेंच ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वह हर जिले की पुलिस से इस आदेश की तामील करवाएं। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करें कि राज्य में कहीं भी गोमांस की बिक्री न हो। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
जम्मू-कश्मीर में दुधारू पशुओं की खरीद-फरोख्त और हत्या पर प्रतिबंध के बावजूद राज्य के कुछ हिस्सों में आज भी यह जघन्य अपराध जारी है, जिससे समाज के एक हिस्से की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। आए दिन मवेशियों की तस्करी को भी इसी से जोड़कर देखा जाता है। गोमांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर एडवोकेट परिमोक्ष सेठ ने 2014 में जनहित याचिका दायर की थी। बेंच ने पिछली सुनवाई के दौरान जम्मू और कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर को उनके क्षेत्राधिकार में दुधारू पशुओं की बिक्री व हत्या रोकने की दिशा में उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
1932 में बना था कानून
राज्य में गोहत्या व इसके मांस की बिक्री पर प्रतिबंध राजा-महाराजाओं के समय में लगा था। 1932 में इसे लेकर कानून भी बनाया गया। इसका उल्लंघन करने पर अधिकतम दस वर्ष तक कारावास व पशु के दाम के पांच गुना दाम तक जुर्माने का भी प्रावधान है। यही नहीं, दुधारू पशुओं का मांस रखना और इसकी बिक्री अपराध है। इसमें एक साल कारावास व 500 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।

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