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जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से एक लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान

राज्य के मुख्य सचिव इकबाल खांडे ने सोमवार को कहा कि विनाशकारी बाढ़ से जम्मू-कश्मीर में एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हुआ है। खांडे ने कहा कि हमें पूरे उम्मीद है कि केंद्र सरकार भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा को रोकने के लिए झेलम दरिया में स्पिल चैनल निर्माण के लिए 22 ह

By Sudhir JhaEdited By: Published: Mon, 29 Sep 2014 08:32 PM (IST)Updated: Mon, 29 Sep 2014 08:36 PM (IST)

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य के मुख्य सचिव इकबाल खांडे ने सोमवार को कहा कि विनाशकारी बाढ़ से जम्मू-कश्मीर में एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हुआ है। खांडे ने कहा कि हमें पूरे उम्मीद है कि केंद्र सरकार भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा को रोकने के लिए झेलम दरिया में स्पिल चैनल निर्माण के लिए 22 हजार करोड़ की योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे देगी। हम जल्द ही केंद्र को लॉस ऑफ मेमोरेंडम सौंप देंगे, ताकि लोगों को मुआवजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।

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कश्मीर में आई बाढ़ के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य के मुख्यसचिव इकबाल खांडे ने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारी दिन रात बाढ़ से हुए नुकसान के आंकड़ों को जमा करने में जुटे हैं। इसी सप्ताह राज्य कैबिनेट की बैठक में लॉस ऑफ मेमोरेंडम पेश किया जाएगा और मंजूरी मिलते ही उसे केंद्र को सौंप दिया जाएगा। राहत कार्याें की धीमी रफ्तार संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें यथासंभव तेजी लाई गई है। खांडे ने कहा, 'जहां तक मेरा मानना है कश्मीर में आई बाढ़ अब तक की सबसे ज्यादा विनाशकारी है। हम सभी इस बात पर सहमत होंगे कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है।'

उन्होंने कहा कि सात सितंबर को झेलम दरिया में 1.40 हजार क्यूसिक पानी बह रहा था। झेलम का इतना जलस्तर वर्ष 1902 में आई बाढ़ के दौरान भी नहीं था। उन्होंने बताया कि बारिश पहली सितंबर को शुरू हुई थी। शायद इससे भी झेलम में बाढ़ न आती, अगर झेलम में गिरने वाली उसकी सहायक नदियों में बादल फटने से जलस्तर न बढ़ा होता। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर में संगम के निकट झेलम दरिया के पास से ही एक स्पिल चैनल अथवा फ्लड चैनल का निर्माण करने की योजना है। यह नहर उत्तरी कश्मीर में वुल्लर झील तक होगी और जब भी झेलम का जलस्तर बढ़ेगा, यह नहर बढ़े हुए पानी को वुल्लर तक पहुंचाएगी। इस योजना पर 22 हजार करोड़ का खर्च होगा। हमें उम्मीद है कि केंद्र हमारे इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी देगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि कश्मीर में आई बाढ़ शहरी इलाकों में बाढ़ के कारणों के अध्ययन और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने की योजना बनाने के लिए एक बेहतर स्टडी केस है। उन्होंने बताया कि बाढ़ ने पूरी राज्य में 281 लोगों की जान ली है। इनमें 196 लोग जम्मू संभाग में मारे गए हैं, जबकि 85 लोग कश्मीर में मारे गए। सेना, पुलिस, अर्धसैनिकबलों,वायुसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य सरकार की विभिन्न संस्थाओं और स्थानीय लोगों ने अपने प्रयासों से लाखों लोगों को बचाया है। वादी में पेयजल, बिजली आपूर्ति बहाली के बारे में उन्होंने बताया कि अस्थायी तौर पर 90 प्रतिशत बिजली बहाल कर दी गई है, 3000 किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत की गई है, स्वास्थ्य सेवाओं को यथासंभव बहाल किया जा रहा है।

-बाढ़ से तबाही और नुकसान-

- बाढ़ से 5642 गांव प्रभावित हुए। 800 गांव एक पखवाड़े से भी ज्यादा समय तक जलमग्न रहे।

-बाढ़ से 12.50 लाख परिवार प्रभावित हुए।

-बाढ़ ने कंक्रीट से बने 83044 मकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया।

-कंक्रीट से बने 96089 मकान आंशिक तौर पर प्रभावित हुए।

-सेमीकंक्रीट के 21162 मकान पूरी तरह और 54624 सेमीकंक्रीट मकान आंशिक तौर पर तबाह हुए।

-बाढ़ में मारे गए 353864 माल मवेशी में 10050 दुधारु पशुओं के अलावा 33 हजार भेड़-बकरियां।

-खेतों में खड़ी विभिन्न फसलों को 4043 करोड़ का नुकसान हुआ।

-बागों में 1568 करोड़ का नुकसान हुआ।

-बाढ़ से 6.51 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई।

-तीन हजार पेयजल परियोजनाएं बाढ़ में तबाह हुई।

-छह हजार किलोमीटर लंबी सड़कें क्षतिग्रस्त हुई।

-450 छोटे बड़े पुल तबाह हुए।

- स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली विभाग को लगभग तीन हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान।

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