कश्मीर को चाहिए दस हजार करोड़
कश्मीर में आई बाढ़ से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने भविष्य में ऐसी किसी भी त्रासदी से बचने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की एक परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया है।
श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। कश्मीर में आई बाढ़ से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने भविष्य में ऐसी किसी भी त्रासदी से बचने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की एक परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया है। इस परियोजना के तहत झेलम नदी को गहरा करने के साथ इसके फ्लड चैनल नेटवर्क को मजबूत बनाया जाएगा। पीएचई, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री नजीर अहमद गुरेजी ने कहा कि हमने पहले भी इस तरह की एक योजना केंद्र को सौंपी थी, लेकिन उस समय केंद्र ने इसे अस्वीकार कर दिया था। गुरेजी ने कहा कि जिस तरह बाढ़ से हुई ने जान-माल की तबाही की है, उसे देखते हुए हमें पूरी उम्मीद है कि इस बार केंद्र सरकार हमें निराश नहीं करेगी।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने नए सिरे से परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे जल्द केंद्र को सौंपा जाएगा। इसके तहत 2200 करोड़ की राशि झेलम को गहरा करने तथा कई जगहों पर उसके किनारों की उंचाई बढ़ाने के लिए चाहिए। झेलम से सिल्ट निकालने से उसमें 1.5 लाख क्यूसिक पानी को सहन करने की क्षमता हो जाएगी। इसके अलावा आठ हजार करोड़ की राशि दक्षिण कश्मीर में संगम के पास झेलम दरिया से वुल्लर झील तक एक फ्लड चैनल के निर्माण के लिए चाहिए। यह चैनल झेलम दरिया के समानांतर उत्तरी कश्मीर में वुल्लर झील तक चलेगी और जब झेलम का जलस्तर बढ़ेगा तो उसके पानी को यह वुल्लर झील तक पहुंचाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए केंद्रीय जलसंसाधन मंत्रालय पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हस्ताक्षेप का आग्रह करेगी। पीएचई राज्यमंत्री नजीर अहमद गुरेजी ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कुछ दिन पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे तो उन्होंने भी हर संभव मदद का यकीन दिलाया था। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद ही राज्य सरकार ने यह योजना तैयार की है।
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