दिसंबर 2016 से पहले GST से जुड़ी तकनीकी तैयारियां होंगी मुकम्मल: जेटली
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि जीएसटी को अमल में लाने से पहले सभी तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।
नई दिल्ली। करीब 16 साल के इंतजार के बाद बुधवार को जीएसटी का सपना हकीकत में तब्दील हो गया। राज्यसभा में एक सुर में सभी राजनीतिक दलों ने जीएसटी बिल पर मुहर लगा दी। राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ये ऐतिहासिक मौका है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2016 तक जीएसटी से जुड़ी सभी तकनीकी तैयारियां कर ली जाएंगी।
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— Dainik Jagran (@JagranNews) August 4, 2016
1 अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू होने से पहले इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि व्यवहारिक धरातल पर इसे अमल में उतारने में दिक्कत न पेश आए। वित्त मंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल 2017 का डेडलाइन पर जीएसटी लागू करने में व्यवहारिक परेशानियां है लेकिन डेडलाइन का होना बेहतर है। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर किसी तरह की गफलत नहीं है।
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जीएसटी के अमल में आने के बाद निश्चित तौर पर लोगों को फायदा मिलेगा। व्यापारियों को उनके दैनिक कामकाज में सहुलियत होगी और निवेश के मौके भी बढ़ेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने जीएसटी बिल से संबंधित उद्योग जगत और आम जनता से आपत्तियां मंगाई थी। उद्योग जगत से पिछले दो महीनों में 40 हजार पेज से ज्यादा सुझाव और आपत्तियां आयी थीं।
आम लोगों के सुझावों और आपत्तियों के लिए एक कमेटी बनायी गयी, ताकि बिल में सभी लोगों के सुझावों को शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि बिल में आंशिक परिवर्तन किए गए लेकिन बिल की आत्मा के साथ समझौता नहीं किया गया है। एआइएडीएमके को छोड़कर करीब-करीब सभी राज्य सरकारें इस बात से सहमति थीं कि इससे राज्यों का टैक्स बेस बढ़ेगा।मैन्यूफैक्चरिंग राज्यों को कुछ आशंका थी, लेकिन वो भी इस बात को महसूसस करने लगीं कि जीएसटी से उनको नुकसान की जगह फायदा होने वाला है। रेट स्ट्रक्चर के सामने आने के बाद केंद्र सरकार राज्यों को होने वाले नुकसान का आंकलन करेगी।
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उन्होंने कहा कि इस बिल को लेकर केवल राजनीतिक दलों में ही उत्सुकता नहीं थी। बल्कि आम लोग भी बेचैनी से इंतजार कर रहे थे। इस बिल को लेकर कई अड़चने थीं, राजनीतिक दलों में एक राय भी नहीं थी। लेकिन सरकार ने सभी पक्षों की चिंताओं का निराकरण करते हुए आम राय बनायी।