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राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को रद करने पर जेटली ने फिर उठाया सवाल

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को रद करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिर सवाल उठाया है। जेटली के अनुसार, न्यायिक स्वतंत्रता की हिफाजत के नाम पर देश के बुनियादी ढांचे को विघटित नहीं किया जा सकता।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 09:25 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 09:39 PM (IST)
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को रद करने पर जेटली ने फिर उठाया सवाल

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को रद करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिर सवाल उठाया है। जेटली के अनुसार, न्यायिक स्वतंत्रता की हिफाजत के नाम पर देश के बुनियादी ढांचे को विघटित नहीं किया जा सकता।

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शनिवार को एक साहित्य महोत्सव को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, 'निसंदेह नियुक्ति आयोग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मैं अपनी टिप्पणियों में मुखर रहा हूं। लेकिन मुझे लगता है कि भविष्य में इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत पड़ेगी।'

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जेटली के अनुसार, कानून में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से राष्ट्रपति जजों की नियुक्ति करेंगे। अब यदि यह कहा जाए कि मुख्य न्यायाधीश किसी से सलाह किए बगैर यह काम करेंगे, तो यह पूरी तरह से संविधान के विपरीत होगा। और इसके लिए कहा जाए कि किसी संस्था को सिर्फ न्यायपालिका ही बचा सकती है, जनप्रतिनिधि विश्वास के काबिल नहीं हैं, मुझे लगता है कि यह सही दलील नहीं है।

जेटली ने कहा कि लोकतंत्र में स्वतंत्र न्यायपालिका की तरह निर्वाचित सरकार और संसद को भी बुनियादी ढांचे का दर्जा हासिल है। आप किसी एक को बचाने के लिए अन्य सभी ढांचों को विघटित नहीं कर सकते हैं। मुझे लगता है कि इस पर फिर से विचार करना होगा। जैसे आने वाली पीढ़ी किसी दिन यह भी देखेगी कि आपसी रजामंदी से समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाले फैसले पर फिर से विचार किया जा रहा है।

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