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कहीं आपकी जिंदगी में वीरानी न घोल दे ये गेम, बच्चों को रखें इससे दूर

ब्लू व्हेल गेम की वजह से दुनियाभर में करीब 250 बच्चे आत्महत्या कर चुके हैं। भारत में इस गेम की वजह से आत्महत्या का पहला मामला सामने आया है।

By Digpal SinghEdited By: Published: Tue, 01 Aug 2017 03:14 PM (IST)Updated: Wed, 02 Aug 2017 10:49 AM (IST)
कहीं आपकी जिंदगी में वीरानी न घोल दे ये गेम, बच्चों को रखें इससे दूर

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। क्या आप भी अपने बच्चे को वक्त नहीं देते हैं? क्या आपने खाली वक्त में बहलाने के लिए उसके हाथ में मोबाइल थमा दिया है? क्या आपका बच्चा भी अपना ज्यादातर वक्त मोबाइल फोन में गेम्स खेलते हुए बिताता है? अगर इन सब प्रश्न का उत्तर हां में है तो अब आपको सचेत होने की जरूरत है। हम आपको यह इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इंटरनेट पर कई ऐसे गेम्स उपलब्ध हैं जो बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाते हैं। ऐसा ही एक गेम है 'द ब्लू व्हेल गेम'। इस गेम की वजह से दुनियाभर में करीब 250 बच्चे आत्महत्या कर चुके हैं। भारत में हाल ही में इस गेम से आत्महत्या का पहला मामला सामने आया है।


भारत में इस तरह से आत्महत्या का पहला मामला

मुंबई के अंधेरी में 14 साल के मनप्रीत ने शनिवार को अपनी सोसायटी से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आत्महत्या के पीछे ‘ब्लू व्हेल गेम’ को वजह बताया जा रहा है। दुनियाभर में करीब 250 बच्चों की जान लेने वाले इस गेम की वजह से आत्महत्या का भारत में यह पहला मामला है। जिसमें 130 बच्चे सिर्फ रूस के हैं। मेघवाड़ी पुलिस के मुताबिक, शनिवार शाम एम्पायर हाइट्स की छत से 14 साल के एक बच्चे ने कूद कर जान दे दी। वह 9 वीं कक्षा में पढ़ता था।

सोशल मीडिया पर बताया खुदकुशी करने वाला है

हैरतअंगेज और चिंताजनक बात तो यह है कि मनप्रीत ने खुदकुशी से पहले अपने इरादे के बारे में दोस्तों को सोशल साइट पर बता भी दिया था। इमारत से कूदने से पहले बच्चे ने अपने दोस्तों को यह भी बताया था कि एक अंकल मुझे हटने के लिए बोल रहे हैं। जैसे ही वे हटेंगे, मैं कूद जाऊंगा।’ अफसोस की बात यह है कि जैसे ही उस शख्स की मनप्रीत से नजर हटी, उसने छलांग लगा दी।

इंटरनेट पर सर्च करके लगाई छलांग

मनप्रीत ने बिल्डिंग से छलांग लगाने से पहले इंटरनेट पर यह भी सर्च किया था कि छत से छलांग कैसे लगाई जाए। ऐसा करने से 2 दिन पहले उसने इंटरनेट पर यह सर्च किया था। आत्महत्या की उसकी तैयारी इस कदर थी कि उसने शुक्रवार को ही अपने दोस्तों को बता दिया था कि वह सोमवार को स्कूल नहीं आएगा। शनिवार शाम भी बिल्डिंग से छलांग लगाने से पहले मनप्रीत ने करीब 20 मिनट तक वहां बैठकर अपने दोस्तों से बात की और आत्महत्या की बात कही।

जानकार क्या कहते हैं...

इस बारे में मशहूर मनोवैज्ञानिक डॉ. अरुणा ब्रूटा ने Jagran.Com से खास बातचीत में कहा, एसे बच्चों की पर्सनेलिटी चैक करनी होगी, जो इस गेम को ढूंढते हैं क्योंकि सारे बच्चे ऐसा नहीं करते। उन्होंने माता-पिता को ताकीद करते हुए कहा कि इस उम्र में उनकी भूमिका ज्यादा बढ़ जाती है और उन्हें बच्चों का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। जब बच्चा ऐसी गेम डाउनलोड करता है तो वह उसे ज्यादा वक्त देगा। वह परिवार के साथ वक्त नहीं बिताएगा, वह बाहर खेलने नहीं जाएगा और खुद को दोस्तों से भी अलग कर लेगा। ऐसे वक्त में घरवालों को सचेत हो जाना चाहिए और बच्चे को तुरंत किसी मनोवैज्ञानिक के पास लेकर जाना चाहिए। ऐसे बच्चों की पर्सनैलिटी डिप्रेसिव होती है। 

क्या है 'द ब्लू व्हेल गेम'

यह इंटरनेट पर खेली जाने वाली एक गेम है, जो दुनियाभर के कई देशों में उपलब्ध है। इस गेम को खेलने वाले शख्स के सामने एडमिनिस्ट्रेटर कई तरह के चैलेंज रखता है। यह सभी चैलेंज 50 दिन के भीतर पूरे करने होते हैं। इसमें अंतिम चैलेंज के रूप में आत्महत्या को रखा गया है। माना जाता है कि यह गेम बीच्ड व्हेल (आत्महत्या करने वाली व्हेल) से प्रेरित होकर बनाई गई है। इस गेम की शुरुआत रूस में साल 2013 में हुई थी। इस गेम से पहली मौत 2015 में हुई थी। साल 2016 में बच्चों के बीच यह गेम खासा लोकप्रिय हो गया। 

फिलिप बुडेकिन ने बनाया है गेम

'द ब्लू व्हेल गेम' को 25 साल के फिलिप बुडेकिन ने साल 2013 में बनाया था. रूस में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच उसे गिरफ्तार किया गया और बाद में फिलिप को जेल की सजा हो गई. हालांकि, फिलिप दावा करते हैं कि यह गेम समाज में सफाई के लिए है। खुदकुशी करने वाले बायोलॉजिकल वेस्ट होते हैं। बताया जाता है कि फिलिप बुडेकिन साइक्लॉजी का छात्र था और उसे युनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था। डॉ. ब्रूटा ने बताया कि फिलिप के बारे में उन्होंने ज्यादा नहीं पढ़ा तो नहीं है, लेकिन उनके अनुसार वह एक सिक पर्सनैलिटी है। अरुणा ब्रूटा हैरानी जताते हुए कहती हैं कि आखिर इस गेम को चलाने का लाइसेंस कैसे मिल गया। 


इस गेम के अनोखे चैलेंज?

- इंटरनेट पर खेले जाने वाले इस गेम में 50 दिन तक रोज एक चैलेंज बताया जाता है। 

- हर चैलेंज को पूरा करने पर हाथ पर एक कट करने के लिए कहा जाता है।

- चैलेंज पूरे होते-होते आखिर तक हाथ पर व्हेल की आकृति उभरती है।

- चैलेंज के तहत हाथ पर ब्लेड से एफ-57 उकेरकर फोटो भेजने को कहा जाता है।

- सुबह 4.20 बजे उठकर हॉरर वीडियो या फिल्म देखने के लिए और क्यूरेटर को भेजने का भी चैलेंज इसमें है।

- हाथ की 3 नसों को काटकर उसकी फोटो क्यूरेटर को भेजना भी एक चैलेंज है।

- सुबह ऊंची से ऊंची छत पर जाने को इस गेम में कहा जाता है।

- कागज की सीट पर व्हेल बनाकर क्यूरेटर को भेजना होता है।

- चार स्टेज में छत पर जाना होता है।

- क्यूरेटर के द्वारा भेजे गई संगीत को सुनना भी एक चैलेंज है।

- व्हेल बनने के लिए तैयार होने पर अपने पैर में 'यस' उकेरना होता है।

- तैयार होने पर खुद को चाकू से कई बार काटकर सजा देना भी चैलेंज का हिस्सा है।

- सभी चैलेंज पूरे करने वाले को खुदकुशी करनी पड़ती है।


पोकेमॉन गो भी जान का दुश्मन

पोकेमॉन गो नाम से भी एक लोकेशन बेस्ड गेम पिछले करीब एक साल से खासी लोकप्रिय हो रही है। यह गेम यूजर की जीपीएस लोकेशन को ट्रैक करके उसे टास्क भेजता है। यूजर्स को टास्क को ढूंढकर वर्चुअल क्रीचर (पोकेमॉन) से लड़ना होता है। इसकी वजह से कई लोग मोबाइल स्क्रीन पर देखते हुए ट्रैफिक के बीच सड़क पर पहुंच जाते हैं तो कई बार लोग सामने से आ रहे खतरे को नहीं देख पाते। गेम की दीवानगी में इंसान अपने आसपास की चीजों से अनभिज्ञ हो जाता है और यह उसकी जान के लिए खतरा बना जाता है।


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