जानिए, कौन है हिमाचल से भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल
धूमल साल 1982 में भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। 1984 में धूमल ने पहली बार संसदीय चुनाव में हिस्सा लिया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को बनाया है। धूमल के नाम की घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने की। शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा हिमाचल में चुनाव प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा वहां पर सत्ता में आएगी। आइये जानने का प्रयास करते हैं कि कौन हैं प्रेम कुमार धूमल और भाजपा ने क्यों धूमल पर लगाया दांव।
दो बार हिमाचल के सीएम रहे प्रेम कुमार धूमल
प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री थे जो दो बार वहां के मुख्यमंत्री बने। उनका मुख्यमंत्री का पहला कार्यकाल मार्च 1998 से 2003 के बीच रहा जबकि 1 जनवरी 2008 से 25 दिसंबर 2012 तक उन्होंने दूसरी बार हिमाचल की सत्ता संभाली। इस वक्त वे राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष की कुर्सी संभाल रहे थे। भाजपा ने इस बार हिमाचल प्रदेश के चुनाव में उन्हें सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है।
धूमल की क्या है निजी जिंदगी
प्रेम कुमार धूमल का जन्म 10 अप्रैल 1944 को हमीरपुर जिले के समीरपुर गांव में हुआ था। धूमल ने एमए और एलएलबी की शिक्षा देउबा कॉलेज जालंधर और गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर से हासिल की। उसके बाद वे पंजाब के एक प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरर बन गए। धूमल की शादी शीला से हुई जिनसे दो बेटे हैं- अरुण ठाकुर और अनुराग ठाकुर।
धूमल का राजनीतिक सफर
धूमल साल 1982 में भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। साल 1984 में धूमल ने पहली बार संसदीय चुनाव में हिस्सा लिया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में वे हमीरपुर सीट से विजयी हुए। 1991 में एक बार फिर धूमल ने हमीरपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद भाजपा ने उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। 1996 के लोकसभा चुनाव में हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी-हिमाचल विकास कांग्रेस की गठबंधन सरकार में पहली बार उन्होंने सीएम की कुर्सी संभाली। मार्च 1998 से मार्च 2003 तक वह प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद दिसंबर 2007 से दिसंबर 2012 तक वह दोबारा मुख्यमंत्री रहे।