उत्तर कोरिया से अब डरने लगे हैं अमेरिका और जापान, पहुंचे UNSC की शरण में
अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट करने के बाद किम जोंग उन ने अमेरिकियों को गाली दी है। इस परीक्षण से अमेरिका और जापान भी डर गए हैं।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। अंतरमहाद्वीपीय मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफल परीक्षण करने के बाद उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन अमेरिकियों को 'बास्टर्ड' कहा है। मिसाइल की सफल लॉन्चिंग के बाद उन्होंने अपने अधिकारियों और वैज्ञानिकों को जहां बधाई दी वहीं वह अमेरिका को गाली देने से भी नहीं चूके। किम ने कहा कि अमेरिकन बास्टर्डस चार जुलाई को उनके स्वतंत्रता दिवस पर भेजे गए इस तोहफे से ज्यादा खुश नहीं होंगे। हमें उनकी उदासी दूर करने के लिए बीच-बीच में तोहफे भेजते रहना चाहिए। प्योंगयांग की आधिकारिक समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने इस सफलता पर किम को झूमते हुए बताया है। वहीं आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इसको लेकर आपात बैठक बुलाई गई है। यह बैठक बंदर कमरे में होगी जिसमें परिषद के सभी 15 सदस्य शामिल होंगे।
अमेरिका ने की मिसाइल टेस्टिंग की पुष्टि
अमेरिका ने इस मिसाइल टेस्टिंग के बाद इसकी पुष्टि भी की है। लेकिन इस ताजातरीन मिसाइल टेस्टिंग से अमेरिका का डर भी सामने आ गया है। दरअसल, अमेरिका ने माना है कि उत्तर कोरिया इस मिसाइल से अमेरिका के अलास्का तक हमला कर सकता है। अमेरिका ही नहीं बल्कि जापान भी उत्तर कोरिया की इस मिसाइल से डरा हुआ नजर आने लगा है। यह मिसाइल जापान और कोरियाई द्वीप के बीच में गिरी है। जापान ने इस परीक्षण के तुरंत बाद कहा कि वह अपने लोगों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है और इसके लिए वह सभी कदम उठाएगा। जापान ने इसके बाद दक्षिण कोरिया, चीन और अमेरिका से मिलकर एक आपात बैठक बुलाने को भी कहा है।
अमेरिका ने माना खतरा
उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलर्सन ने इसे अमेरिका और दुनिया के लिए एक नया खतरा बताया है। उनका कहना है कि अमेरिका कभी उत्तर कोरिया को न्यूक्लियर पावर के रूप में स्वीकार नहीं करेगा। इस मिसाइल परीक्षण के बाद सक्ते में आए अमेरिकी विशेषज्ञों ने इस मिसाइल के सटीक निशाने पर संदेह जताया है। उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट की खबर आने के कुछ ही घंटे बाद अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग कर डाली थी। इतना ही नहीं अमेरिका ने अपने बयान में इसकी कड़ी निंदा करते हुए सख्त कार्रवाई की भी मांग की है।
पहली बार आईसीबीएम का सफल टेस्ट
ये पहला मौका है जब उत्तर कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण करने का दावा किया है। उत्तर कोरिया का दावा है कि इस मिसाइल के जरिए वो अब अमरीका के जमीनी इलाके तक मार करने में सक्षम हो गया है। उत्तर कोरिया के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति किम जोंग उन की मौजूदगी में हाउसोंग-14 मिसाइल का परीक्षण किया गया है। इसमें ये भी बताया गया कि मिसाइल 2,802 किलोमीटर की दूरी तय करने में कामयाब रहा और समुद्र में टारगेट को निशाना बनाने से पहले उनसे 933 किलोमीटर की दूरी भी तय की।
क्या होती है आईसीबीएम की खासियत
इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल लंबी दूरी तय करने वाली मिसाइल होती है जो खास तौर पर परमाणु हथियार के लिए डिजाइन की जाती है। यह मिसाइल 10 हजार किलोमीटर दूर तक निशाना बना सकती है। उत्तर कोरिया ने दो तरह के इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का डिसप्ले किया है- पहली केएन-08 है, जिसकी रेंज 11,500 किलोमीटर की है और दूसरी मिसाइल का रेंज 10,000 किलोमीटर है।