नहीं मारा जाता तो हिजबुल का पोस्टर ब्वॉय बन जाता आतंकी सब्जार
सब्जार की मौत के बाद फिर से पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत सामने आई है। पाकिस्तान ने फिर सब्जार को वानी की तरह ही हीरो बनाने की कोशिश की है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। जम्मू कश्मीर के त्राल में सेना के ऑपरेशन में ढेर हिजबुल कमांडर सब्जार अहमद उर्फ सब्जा उर्फ सबा डान की मौत पर जिस तरह से पाकिस्तान ने आंसू बहाए हैं उससे शर्मनाक कुछ और हो नहीं सकता है। वहीं दूसरी ओर इस खूंखार आतंकी की मौत पर एक बार फिर से पत्थरबाजों की फौज का सड़क पर उतर कर जवानों पर पत्थरबाजी करना भी बेहद शर्मनाक है। इन पत्थरबाजों में से कई ऐसे भी होंगे जिन्हें यह भी नहीं मालूम होगा कि वह क्यों इस तरह की हरकत में शामिल हो रहे हैं। लेकिन उन्हें यह जरूर पता होता है कि इस पत्थरबाजी के एवज में उन्हें कुछ पैसे जरूर मिल जाएंगे। इस बात का खुलासा पिछले दिनों आए वीडियो से भी हो जाता है। इसमें जम्मू कश्मीर के लोगों और कश्मीरियत की ठेकेदारी करने वाली हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता ने यह बात मानी थी कि वह पैसे लेकर कहीं भी पत्थरबाजी समेत स्कूल को जलाने की कार्रवाई करवाते हैं। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि सब्जार नहीं मारा जाता तो वह हिजबुल का पोस्टर ब्वॉय बन जाता।
पत्थरबाजों का सच
ऐसा पहली बार भी नहीं हुआ है कि जब इस तरह के पत्थरबाजों को लेकर मीडिया में कोई खुलासा हुआ हो, ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है, जिसको पूरी दुनिया ने देखा है। हालांकि अकेले सब्जार के मारे जाने से घाटी में आतंकी घटनाएं न तो कम होंगी और न ही रूकेंगी। इसके लिए जहां एक तरफ सेना को सख्त कदम उठाने होंगे और वहीं सरकार को लोगों से अपना संपर्क बढ़ाकर उन्हें मुख्यधारा में शामिल कराना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हिजबुल में अभी कई और हैं जो सब्जार की जगह ले लेंगे। इनमें सद्दाम पडर और रियाज नायकू जैसे आतंकी भी शामिल हैं।
पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत
इसको विडंबना ही कहा जाएगा कि ज्म्मू कश्मीर के युवाओं को बंदूक थमाने वाले पाकिस्तान ने सब्जार की मौत पर घडि़याली आंसू बहाते हुए मांग की है कि इन आतंकियों की मौत पर संयुक्त राष्ट्र, मानव अधिकार संगठन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दखल दे। पाकिस्तान विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सब्जार अहमद की हत्या को न्यायविरोधी और राज्य प्रायोजित हिंसा बताया है। इन्होंने ऐसा ही बयान आतंकी बुरहान वानी की मौत पर भी दिया था और उसको हीरो बताया था। इतना ही नहीं वानी की मौत पर खुद पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने उसकी मौत पर गहरा दुख जताते हुए उसको कश्मीर के युवाओं की आवाज बताया था। वहीं अब अजीज का कहना है कि भारत ने पुलवामा और बारामूला में दो दिनों में 12 कश्मीरी युवकों को मार डाला। उनमें से 3 की मौत को उन्होंने न्यायविरोधी बताने में जरा भी देरी नहीं की।
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फिर कर्फ्यू की चपेट में वादी
फिलहाल सब्जार की मौत के बाद हुई झड़पों में सुरक्षाकर्मियों समेत 70 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। 30 से अधिक लोग गोली व पैलेट गन से घायल हुए हैं। इसके बाद एक बार फिर से वादी के सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने के साथ कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में कफर्यू लगा दिया गया है। मोबाइल इंटरनेट सेवा के साथ रेल यातायात को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है। वहीं कश्मीर की ठेकेदारी लेने वाली हुर्रियत कान्फ्रेंस ने आतंकी सब्जार की मौत के विरोध में 28 व 29 मई को कश्मीर बंद का आह्वान करते हुए 30 मई को त्राल चलो का एलान किया है।
वानी का बचपन का दोस्त था सब्जार
सब्जार आतंकी बुरहान वानी का करीबी साथी था जिसे सुरक्षाबलों ने पिछले वर्ष एक मुठभेड़ में मार गिराया था। जाकिर मूसा भी इन्हीं में से एक था, जिसने पिछले दिनों ही हुर्रियत कांफ्रेंस के सैयद अली शाह गिलानी का कच्चा-चिट्ठा खोला था। सब्जार फिलहाल हिजबुल और मूसा के बीच में मध्यस्थ बना हुआ था। उसकी कोशिश थी कि हिजबुल से अलग हो चुके मूसा को वापस लाया जा सके। दरअसल, मूसा ने पिछले दिनों गिलानी को खुलेतौर पर धमकी दी थी कि यदि उसने दोबारा कश्मीर में चल रही लड़ाई को कश्मीर की आजादी से जोड़ने की कोशिश की तो वह उसका सिर काटकर लाल चौक पर टांग देगा। इस बयान के बाद हिजबुल ने उससे किनारा कर लिया था, जिससे खफा होकर मूसा ने हिजबुल से किनारा कर लिया था। सब्जार इन्हीं संबंधों को दोबारा से कायम करने का काम कर रहा था।
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इन्होंने धरती के स्वर्ग को बना दिया श्मशान
जम्मू कश्मीर के लिए यह भी बेहद दुखद है कि यहां का युवा पाकिस्तान की कठपुतली बने हुर्रियत कांफ्रेंस जैसी पार्टियों के बहकावे में आकर खून का प्यासा हो रहा है। उनकी इन्हीं करतूतों से कभी धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला जम्मू कश्मीर आज श्मशान बन कर रह गया है, जहां हर जगह खून के छींटे दिखाई देते हैं और गोलियों की आवाजें सुनाई देती हैं। इन लोगों ने पाकिस्तान के एजेंटों जिनके खुद के बच्चे विदेशों में अच्छी जॉब करते हैं या मौज-मस्ती का जीवन जीते हैं, को सौंप दिया है। सब्जार इस राह पर चलने वाला अकेला नहीं था। अफसोस है कि उसका बड़ा भाई भी आतंकी ही था जिसे सुरक्षाबलों ने वर्ष 2015 में मार गिराया था। यह इस बात का सुबूत है कि किस तरह से यहां का युवा गलत लोगों के बहकावे में आकर खुद को बर्बाद कर रहा है।
दस लाख का इनामी आतंकी था सब्जार
आतंकी वानी जहां एक ड्रॉपआउट इंजीनियरिंग स्टूडेंट था वहीं सब्जार को उसकी प्रेमिका ने ठुकरा दिया था। सब्जार और वानी दोनों ही बचपन के दोस्त थे । यह सब्जार वही आतंकी था जिसको जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर दस लाख का इनाम था। इसके अलावा भी उसके हाथ कई जवानों के खून से रंगे थे। वह घाटी में हुई कई आतंकी घटनाओं में शामिल था। सुरक्षाबलों के लिए उसको मार गिराना काफी बड़ी कामयाबी है। पाकिस्तान से मिलने वाले पैसे और उसके द्वारा राज्य में फैलाए जा रहे आतंकवाद को वहां की मीडिया भी बड़ी चतुराई से कहीं विद्रोही ग्रुप बताती है तो कहीं कहीं आतंकी बताती है।
दुनिया के सामने आ रहा पाक का सच
पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत की निंदा करते हुए रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल का कहना है कि इन करतूतों की बदौलत लगातार पाकिस्तान का सच दुनिया के सामने आ रहा है। अब पूरी दुनिया यह जानती है कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम तक पहुंचाता है। उनका कहना है कि जिस तरह से सऊदी अरब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप ने साफतौर पर भारत को आतंकवाद का पीडि़त देश बताया और यह इशारा भी किया कि यदि इन आतंकियों को पनाह देने वाले देश अपने यहां से यह सब खत्म नहीं करते हैं तो उन्हें इसके लिए आगे आना होगा, भारत के लिए बड़ी जीत है। वह सब्जार की मौत को भी सेना के लिए बड़ी कामयाबी मानते हैं। उनका कहना है कि वह कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था और हिजबुल का बड़ा चेहरा था।
नहीं तो पॉस्टर ब्वॉय होता सब्जार
यहां तक की वो हिजबुल का पोस्टर ब्वॉय तक बनने वाला था। सब्जार की मौत के बाद घाटी में हो रही पत्थरबाजी की घटनाओं को वह पूरी तरह से राजनीतिक और अलगाववादियों की सोची समझी रणनीति बताते हैं। उनका यह भी कहना है कि हुर्रियत पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो चुकी है और जल्द ही यह सामने भी आएगी। पिछले 48 घंटों के दौरान 14 आतंकियों को मार गिराने पर उन्होंने कहा कि गृहमंत्री और रक्षा मंत्री ने अपने बयानों में साफतौर पर सेना को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने की पूरी छूट दी है। यही वजह है कि पिछले दिनों सेना ने नौशेरा समेत अन्य जगहों पर दिखाई दी है। उनका कहना है कि अब इस तरह के ऑपरेशन में तेजी आएगी।
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