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इशरत मामले में जेल में बंद आखिरी आरोपी को जमानत

इशरत जहां मुठभेड़ मामले में जेल में बंद आखिरी आरोपी डीएसपी एनके अमीन के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए विशेष सीबीआइ अदालत ने जमानत दे दी है। अमीन इन दिनों प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं। न्यायाधीश केआर उपाध्याय ने शुक्रवार को चिकित्सा और सह आरोपियों से समानता के आधार

By Sudhir JhaEdited By: Published: Fri, 08 May 2015 05:51 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2015 06:13 PM (IST)

अहमदाबाद। इशरत जहां मुठभेड़ मामले में जेल में बंद आखिरी आरोपी डीएसपी एनके अमीन के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए विशेष सीबीआइ अदालत ने जमानत दे दी है। अमीन इन दिनों प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं। न्यायाधीश केआर उपाध्याय ने शुक्रवार को चिकित्सा और सह आरोपियों से समानता के आधार पर उनको राहत दे दी। आइपीएस अधिकारी डीजी वंजारा व पीपी पांडे इस मामले के सह आरोपी हैं, जिन्हें इसी साल फरवरी में जमानत मिली थी।

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अदालत ने बचाव पक्ष की यह दलील भी मान ली कि मुकदमे की सुनवाई शुरू होने में अभी बहुत लंबा वक्त लगेगा। विशेष सीबीआइ अदालत ने अमीन को अपना पासपोर्ट सौंप देने और बिना पूर्व इजाजत के भारत से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही अदालत ने अमीन से यह भी कहा है कि वे जांच में बाधा डालने और मामले से जुड़े किसी गवाह को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेंगे। उनको हर बृहस्पतिवार को और सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहना होगा। 15 जून, 2004 को इशरत जहां मुठभेड़ के समय अमीन विशेष शाखा के डीएसपी थे। उल्लेखनीय है कि लश्कर आतंकी होने के आरोप में 19 वर्षीय इशरत जहां को अपराध शाखा के अधिकारियों ने मुठभेड़ में मार डाला था। उसके साथ प्रणेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख व दो संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिकों की भी हत्या कर दी गई थी।

पढ़ेंः इशरत जहां फर्जी एनकाउंटरः निलंबित आइपीएस पीपी पांडे बहाल


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