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कौन था जांच रुकवाने वाला आइपीएस अफसर?

24 अप्रैल 2012 को हुई शीना की हत्या उजागर होने में तीन साल न लगे होते अगर उस समय पुलिस ने थोड़ी भी चुस्ती दिखाई होती। महाराष्ट्र में रायगढ़ के पेन पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार जब अज्ञात शव मिलने पर जांच शुरू की गई तो उस

By Sudhir JhaEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2015 08:02 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2015 09:38 PM (IST)

मुंबई [मिड डे] । 24 अप्रैल 2012 को हुई शीना की हत्या उजागर होने में तीन साल न लगे होते अगर उस समय पुलिस ने थोड़ी भी चुस्ती दिखाई होती। महाराष्ट्र में रायगढ़ के पेन पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार जब अज्ञात शव मिलने पर जांच शुरू की गई तो उस जांच को एक उच्च पदस्थ आइपीएस अफसर ने रुकवा दिया था।

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अब मुंबई पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि जांच रुकवाने वाला आइपीएस अफसर कौन था। और किसने आइपीएस अफसर को ऐसा करने को कहा था। मुंबई पुलिस इस बात की भी जांच कर सकती है कि शव के नमूनों को कहां नष्ट किया गया। पुलिस तब इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों से गहन पूछताछ करेगी।

रायगढ़ के जंगल में जिस जगह 23 मई 2012 को शीना का शव मिला था वह जगह पेन पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में आती है। लेकिन पेन पुलिस स्टेशन के पास ना तो इस मामले की एडीआर है और ना ही अज्ञात शव के संबंध में कोई एफआइआर दर्ज है। इसी वजह यह है कि ग्रामीणों ने जब स्थानीय पुलिस को बताया कि घटनास्थल पर एक निजी कार और एक टैक्सी देखी गई है तो पेन थाने की पुलिस सक्रिय हो गई। लेकिन एक आइपीएस अफसर के आदेश के बाद जांच बीच में रोक दी गई और अज्ञात शव को नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने फिर शव के नमूने भी फारेंसिक विभाग को नहीं भेजे और कहा गया कि उस शव की पहचान नहीं हो सकी है।

जब पिछले मंगलवार को तीन साल बाद फिर यह मामला खुला तो पुलिस इंद्राणी के ड्राइवर श्याम राय को घटनास्थल पर ले गई। इसके बाद मुंबई पुलिस पेन थाने पर भी गई। सूत्रों का कहना है कि किसी आइपीएस अफसर ने जांच रुकवाई थी। इसके बाद पेन पुलिस के जरिए कलीना स्थित फारेंसिक विभाग में पता किया गया कि क्या कोई नमूना तब भेजा गया था।

सूत्रों के अनुसार पेन पुलिस फारेंसिक ने आवेदन नंबर 1476/2012 के सैंपल की जानकारी दी। यह पेन पुलिस स्टेशन ने 15 मई 2012 से 28 मई 2012 के बीच भेजा था। इसके तहत पुलिस ने गुलाबी कपड़े, दांत और दाहिने हाथ की हड्डी के नमूने मांगे।

फारेंसिक विभाग ने मिड डे को बताया कि इस दौरान उन्हें 14 मामलों के नमूने मिले थे। लेकिन सभी को क्लेम किया जा चुका था। अज्ञात शव का कोई भी नमूना उनके पास नहीं था। लेकिन पुलिस ने पूरे साल भर का रिकार्ड चेक किया।उल्लेखनीय है कि शीना हत्याकांड में शामिल इंद्राणी मुखर्जी, उनका ड्राइवर श्याम राय और संजीव खन्ना ने मिलकर 24 अप्रैल 2012 को शीना की हत्या कर उसके शव को ठिकाने लगाया था।

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