अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 26 लड़कियां छुड़ाई
26 लड़कियों को छुड़ाया गया है। इनमें से 10 लड़कियां पश्चिम बंगाल की हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सेक्स रैकेट के सरगना नेपाल के दांग त्रिकपुर निवासी शाबिन शाह उर्फ शोबिन केशी (52) और पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी निवासी बिद्या लामा उर्फ लक्ष्मी (34) को गिरफ्तार कर लिया।
उनके चंगुल से 26 लड़कियों को छुड़ाया गया है। इनमें से 10 लड़कियां पश्चिम बंगाल की हैं। खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर इन्हें दिल्ली से श्रीलंका के रास्ते दुबई, ओमान और कुवैत तक देह व्यापार के लिए भेजा जाता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से पीडि़त लड़कियों के दो पासपोर्ट और सेक्स छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
संयुक्त आयुक्त अपराध रविंद्र यादव ने बताया कि 1 सितंबर को नेपाल की दो लड़कियों ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। लड़कियों को नेपाल निवासी शाबिन शाह और रामू चौधरी खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के बहाने लेकर आए और 10 दिन तक दिल्ली के महिपालपुर में रखा। उनके पासपोर्ट ले लिये गए थे। किसी तरह वे 1 सितंबर को भागने में कामयाब हुई और दिल्ली के कुछ नेपाली लोगों की मदद से नेपाल दूतावास पहंुचीं। वहां से दिल्ली पुलिस से संपर्क किया गया।
सूचना पर क्राइम ब्रांच उत्तरी रेंज डीसीपी डॉ. राम गोपाल नायक, एसीपी जितेंद्र सिंह की टीम ने महिपाल क्षेत्र में कई जगह छापेमारी की और वहां से 21 लड़कियों को छुड़ाया। इसमें आरोपी लक्ष्मी भी शामिल थी। 3 सितंबर को क्राइम ब्रांच ने लड़कियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, तब पीडि़तों ने बिद्या लामा उर्फ लक्ष्मी का राज खोल दिया। पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में ही आरोपी बिद्या लामा को गिरफ्तार कर लिया। पीडि़त 20 लड़कियों को नारी निकेतन भेज दिया गया।
बिद्या लामा से मिली जानकारी पर टीम ने 4 सितंबर को सेक्स रैकेट के सरगना शाबिन शाह उर्फ शोबिन केशी को उसके रूपनगर स्थित मकान से गिरफ्तार कर लिया। उसके चंगुल से तीन नेपाली और एक भारतीय लड़की को छुड़ाया।
श्रीलंका के रास्ते भेजते थे विदेश
बिद्या लामा ने पुलिस को बताया कि शाबिन शाह रैकेट का सरगना है। वह खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर गरीब युवतियों और महिलाओं को नेपाल और भारत के अन्य राज्यों से लाता था। वह युवतियों और महिलाओं की देखरेख करती थी।
यहां से लड़कियों को खाड़ी देश में हाउस मेड, मॉल, हॉस्पिटल और रेस्टोरेंट में नौकरी दिलाने के नाम पर रोजगार वीजा के माध्यम से श्रीलंका के रास्ते दुबई, कुवैत, ओमान भेजा जाता था। श्रीलंका तक टूरिस्ट वीजा पर भेजे जाने के बाद वहां से ऑनलाइन रोजगार वीजा पर लड़कियों को खाड़ी देशों में भेजने की व्यवस्था की जाती थी। खाड़ी देशों में पहुंचने के बाद देह व्यापार करने का दबाव बनाया जाता था।
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