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कालेधन की जानकारी लेने स्विटजरलैंड जाएगा भारतीय दल

अब तक कालेधन की सूचनाएं देने में आनाकानी करने वाला स्विटजरलैंड भी अब वहां जमा भारतीयों के धन के बारे में सूचनाएं साझा करने को तैयार हो गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 15 Jun 2016 09:49 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jun 2016 10:07 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेश में छुपे कालेधन को वापस लाने की मोदी सरकार की मुहिम धीरे-धीरे रंग ला रही है। अब तक कालेधन की सूचनाएं देने में आनाकानी करने वाला स्विटजरलैंड भी अब वहां जमा भारतीयों के धन के बारे में सूचनाएं साझा करने को तैयार हो गया है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारत जल्द ही एक दल स्विटजरलैंड भेज रहा है जो वहां जमा भारतीयों के कालेधन का पता लगाएगा। इतना ही नहीं 2018 के बाद स्विटजरलैंड स्वत: ही भारत को कर चोरी और कालेधन की जानकारी भेजना शुरु कर देगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति जॉन शेंडर-अम्मान की छह जून को जेनेवा में मुलाकात के बाद स्विटजरलैंड के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को यहां वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। राजस्व सचिव हसमुख अडि़या के साथ स्विटजरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के मंत्री जैक्स वाटविले ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कर मामलों तथा विभिन्न वित्तीय मामलों में सहयोग के लिए चर्चा की। इस मौके पर वाटविले ने कहा कि स्विटजरलैंड ने स्वत: सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए वैधानिक ढांचा तैयार कर लिया है और इस साल के अंत तक एक द्विपक्षीय समझौता भी किया जा सकता है।

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वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भारत को 2018 से स्विटजरलैंड में भारतीयों के बैंक खातों की जानकारी स्वत: मिलती रहेगी। इस बीच दोनों देशों के विशेषज्ञ सितंबर महीने में द्विपक्षीय समझौते के संबंध में विचार विमर्श करेंगे।

स्विटजरलैंड के प्रतिनिधिमंडल और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बैठक के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया।


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