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आइआइटी की फीस दोगुनी, दलित, अादिवासी अौर दिव्यांगों को राहत

बेहद प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेज आइआइटी में पढ़ना अब दोगुना महंगा हो जाएगा। इसके स्नातक पाठ्यक्रमों में सालाना फीस 90 हजार सालाना से बढ़ा कर दो लाख रुपये करने को मंजूरी मिल गई है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 07 Apr 2016 12:22 PM (IST)Updated: Fri, 08 Apr 2016 05:10 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बेहद प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेज आइआइटी में पढ़ना अब दोगुना महंगा हो जाएगा। इसके स्नातक पाठ्यक्रमों में सालाना फीस 90 हजार सालाना से बढ़ा कर दो लाख रुपये करने को मंजूरी मिल गई है। हालांकि, यह फैसला लेते समय केंद्र सरकार ने पूरी सोशल इंजीनियरिंग दिखाई है। खास तौर पर ध्यान रखा गया है कि दलित, आदिवासी और दिव्यांग ही नहीं गरीब छात्र भी यहां आसानी से पढ़ सकें। इसलिए ऐसे सभी छात्रों को फीस पूरी तरह से माफ होगी।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक फीस बढ़ोतरी के लिए आए आइआइटी परिषद के प्रस्ताव को संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी गई है। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने फीस बढ़ोतरी को दो लाख रुपये तक ही सीमित रखने को कहा है। जबकि आइआइटी परिषद ने इसे मौजूदा 90 हजार से बढ़ा कर तीन लाख रुपये सालाना कर देने का प्रस्ताव किया था।

इसी तरह एक बड़ा कदम उठाते हुए आइआइटी में प्रवेश पाने वाले बेहद गरीब तबके के सभी छात्रों की फीस अब पूरी तरह माफ कर दी जाएगी। नए नियमों के मुताबिक जिन छात्रों की पारिवारिक आय एक लाख रुपये सालाना से कम है, उन्हें कोई फीस नहीं देनी होगी। इसी तरह जिन छात्रों की पारिवारिक आय पांच लाख रुपये तक है, उनकी भी दो तिहाई फीस माफ कर दी जाएगी।

इस फैसले के जरिए केंद्र सरकार ने यह संदेश देने की भी कोशिश की है कि अब आरक्षण के तहत नहीं आने वाले गरीब छात्रों की जरूरतों का भी ध्यान रखा जा रहा है। गरीब तबके के उच्च वर्ग के छात्रों में आरक्षण के खिलाफ नाराजगी की आशंका को देखते हुए यह सरकार लगातार इस कोशिश में लगी है कि इस वर्ग के युवा आर्थिक पिछड़ेपन की वजह से दौड़ में पिछड़ नहीं जाएं।

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इस फैसले में दलितों और आदिवासियों के साथ ही दिव्यांग छात्रों की भी फीस माफ कर दी है। यहां तक कि जो छात्र इनमें से किसी श्रेणी में नहीं आएंगे, उनको भी बैंकों से ब्याज मुक्त कर्ज दिलवाया जाएगा। इसका भुगतान वे नौकरी मिलने के बाद कर सकेंगे।

एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में मंत्रालय जल्दी ही आधिकारिक तौर पर आदेश जारी कर देगा। फीस बढ़ोतरी सिर्फ उन्हीं छात्रों पर लागू होगी जो आने वाली तारीख में यहां दाखिला लेंगे। पहले से यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों को पुरानी दर से ही फीस देनी होगी। विभिन्न आइआइटी संस्थानों की परिषद ने अपनी ओर से प्रस्ताव किया था कि यहां फीस को अगले सत्र से बढ़ा कर तीन लाख रुपये सालाना कर दिया जाए। इसका कहना था कि बढ़ी हुई फीस का उपयोग जरूरतमंद छात्रों को स्कॉलरशिप देने में किया जा सकेगा।


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