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चीन-पाक के मुकाबले सीमा पर भारत की तैयारियां कमजोर

सीमा पर चीन और पाकिस्तान की घुसपैठ रोकने के इंतजामों की नाकामी को लेकर संसद ने गंभीर चिंता जताई है। रक्षा पर संसदीय समिति ने सैन्य इंतजामों के प्रबंधन से लेकर सीमा सुरक्षा के मामलों पर सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल दुरुस्त करने की हिदायत दी है। संसद ने सीमा सुरक्षा पर केंद्रीय सुरक्षा बलों व सेना के ब

By Edited By: Published: Tue, 18 Feb 2014 10:33 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2014 10:34 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीमा पर चीन और पाकिस्तान की घुसपैठ रोकने के इंतजामों की नाकामी को लेकर संसद ने गंभीर चिंता जताई है। रक्षा पर संसदीय समिति ने सैन्य इंतजामों के प्रबंधन से लेकर सीमा सुरक्षा के मामलों पर सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल दुरुस्त करने की हिदायत दी है। संसद ने सीमा सुरक्षा पर केंद्रीय सुरक्षा बलों व सेना के बीच तालमेल और सरहदी इलाके में रेल, सड़क ढांचे के विकास में ढिलाई पर भी सवाल उठाए हैं।

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संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक सरहद पर भारत के खिलाफ बढ़े खतरे की बड़ी वजह तकनीकी और ढांचागत विकास में सुस्ती भी है। चीन सीमा पर 27 आइटीबीपी सड़क योजनाओं में से केवल एक ही पूरी हो सकी। 11 परियोजनाएं वक्त से पीछे चल रही हैं। सीमा खतरों से मुकाबले के लिए हो रहे इंतजामों को लेकर सरकार के रवैये और जवाब को भी समिति ने कामचलाऊ करार दिया। रक्षा मंत्रालय का कहना था कि समय-समय पर देश के सुरक्षा खतरों का आकलन कर जरूरी तैयारियों को दुरुस्त किया जाता है।

राज बब्बर की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति ने मंगलवार को पेश रिपोर्ट में रक्षा प्रबंधन से जुड़ी सभी एजेंसियों को सीमा सुरक्षा के व्यापक इंतजामों की योजना तैयार कर सूचित करने के लिए कहा है। इस बात को लेकर चिंता जताई गई कि भारत की तुलना में खास तौर पर चीन ने तेजी से सरहदी इलाकों में सैन्य ढांचागत विकास किया है। चीन-पाकिस्तान का सैन्य शक्ति विस्तार और दक्षिण एशिया के नाजुक हालात के मद्देनजर सुरक्षा चुनौतियां भी आशंकाएं बढ़ाती हैं।

समिति ने बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के केरन व सांबा में आतंकी घुसपैठ और समुद्री सीमा में हथियारों के साथ घुसे अमेरिकी पोत ओहायो को लेकर सैन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया। सांबा में सैन्य यूनिट में आतंकियों की घुसपैठ संबंधी सवालों पर सेना के वाइस चीफ ने हड़बड़ाहट में जवानों द्वारा टैंक चलाए जाने की बात भी स्वीकारी। 26 सितंबर, 2013 को आतंकी 16 कैविलरी यूनिट मुख्यालय में दाखिल होने में कामयाब रहे थे। इस आतंकी वारदात में एक अधिकारी समेत तीन फौजी मारे गए थे।

भारत की साढ़े सात हजार किमी लंबी समुद्री सीमा के इंतजामों को लेकर भी समिति ने चिंता भरे सवाल उठाए। समुद्री सीमा में पकड़े गए अमेरिकी पोत से बरामद 5000 राउंड गोला-बारूद पर फिक्र जताई जो चार किमी के दायरे में विस्फोट कर सकता था। सीमा से लेकर देश के संवेदनशील इलाकों में पुख्ता रडार नेटवर्क की कमी भी चिंता का सबब है।

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