मसूद अजहर पर चीन-पाकिस्तान का नापाक गठजोड़ तोड़ेगा भारत
पठानकोट हमले के साजिशकर्ता व कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आ गया है।
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन ]। पठानकोट हमले के साजिशकर्ता व कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। पाकिस्तान एक तरफ हो इस हमले की जांच को लेकर मौलाना मसूद को गिरफ्तार करने का दावा कर रहा है जबकि दूसरी तरफ चीन की मदद से अजहर पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की मुहिम को धत्ता भी बता रहा है। ऐसे में भारत आने वाले दिनों में न सिर्फ अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के जरिए पाबंदी लगाने की दूसरी कोशिश करेगा बल्कि इस बारे में पाकिस्तान के दोहरे रवैये का भी पर्दाफाश करेगा।
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विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को पाकिस्तान के इस पैंतरेबाजी से कोई आश्चर्य नहीं हुआ है। एक अधिकारी के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर को पाकिस्तान ने अपने एक अहम हथियार के तौर पर छिपा रखा था। उसे पिछले एक दशक से पाकिस्तान पाल रहा था। इसे न सिर्फ अपना नेटवर्क फैलाने की इजाजत मिली बल्कि कश्मीर के नाम पर उसे पूरे पाकिस्तान में चंदा वसूलने की भी छूट थी। पाकिस्तान सेना की देख रेख में उसने अल कायदा और तालिबान से ज्यादा करीबी रिश्ते बनाये। अब जबकि लश्कर-ए-तैयबा व इसके मुखिया हाफिज सईद की गतिविधियों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लग गया हो तो पाकिस्तान के लिए अजहर की अहमियत ज्यादा बढ़ गई है। इसलिए वह अजहर पर संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध लगने नहीं देना चाहता।
संयुक्त राष्ट्र में मौलाना मसूद अजहर पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने के भारत का प्रस्ताव चीन की वजह से सफल नहीं हो पाया। चीन ने भारत के प्रस्ताव को तकनीकी आधार पर सफल नहीं होने दिया है। इसलिए अब उस पर अंतरराष्ट्रीय आतंकी होने की वजह से तमाम तरह के प्रतिबंध नहीं लगाये जा सकते। भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है। भारत ने कहा है संयुक्त राष्ट्र में इस तरह का रवैया वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को प्रभावित करेगा। भारत ने इस पर आश्चर्य जताया है कि जब जैश को आतंकी संगठन माना जाता है तो उसके मुखिया और उसके लिए पैसा जुटाने वाले शख्स अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी मानने से क्यों मना किया जा रहा है।
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सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से अंड़गा लगाने के बावजूद जैश मुखिया पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने का रास्ता पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। चूंकि जैश प्रमुख पहले से ही अमेरिका की तरफ से घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित है इसलिए भारत की कोशिश होगी कि अमेरिका की मदद से आगे कदम उठाए जाएं।
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