NSG पर भारत ने चीन को चेताया, कहा- हमारे भी हितों का रखना होगा खयाल
एनएसजी में भारत का रास्ता रोकने वाले चीन को साफ शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने चीन से कहा है कि दोतरफा संबंधों के लिहाज से उसे भारत के हितों का भी खयाल रखना ही होगा।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। सरकार ने कहा है कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत के प्रवेश का रास्ता अभी बंद नहीं हुआ है। उसके अनुसार, इस वर्ष के अंत तक एनएसजी की एक विशेष बैठक और होगी। इसमें परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले भारत जैसे देशों की सदस्यता पर विचार होगा। इस बीच पीटीआई के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एनएसजी की सदस्यता का विरोध कर रहे चीन को साफ शब्दों में चेतावनी दे दी है। उन्होंने चीन से कहा है कि दोतरफा संबंधों के लिहाज से उसे भारत के हितों का भी खयाल रखना ही होगा।
विकास स्वरूप का यह बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एनएसजी पर विरोध करने से भारत के साथ संबंधों में दीवार खड़ी नहीं होगी। विकास स्वरूप ने हालांकि यह माना कि चीन से बातचीत जारी रहेगी। लेकिन उसे यह स्पष्ट बताया जाएगा कि वह जिस परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर न करने को आधार बना कर विरोध कर रहा है, हम उसके सभी प्रावधानों को लागू कर चुके हैं। ऐसे में भारत एनएसजी का सदस्य बनने की सभी शर्तो को पूरा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि एनएसजी सदस्यता को लेकर आ रही प्रक्रियागत अड़चनों को कूटनीतिक विफलता नहीं माना जाना चाहिए।
प्रक्रियागत अड़चनें इस तरह की कूटनीतिक मुहिम का हिस्सा होती हैं। स्वरूप के मुताबिक, 'एनपीटी के मुद्दे पर विश्व का कोई भी देश भारत की तुलना पाकिस्तान से नहीं कर सकता। कुछ प्रक्रियाओं में लंबा समय लगता है। 48 देशों के समूह एनएसजी की सदस्यता प्रक्रिया उसी श्रेणी में आती है। न केवल हम अपने प्रयास लगातार जारी रखेंगे, बल्कि कामयाबी हासिल करने के लिए अपने प्रयत्नों की रफ्तार को दोगुना करेंगे।' उन्होंने कहा, यह सही है कि हमें सियोल में वांछित परिणाम नहीं प्राप्त हुए। संभवत: इसमें थोड़ा अधिक वक्त लगेगा।'
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मेक्सिको के सुझाव पर फैसला
पीटीआई के अनुसार, कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि मेक्सिको के सुझाव पर साल के अंत से पहले एनएसजी की एक और बैठक का फैसला लिया गया है। सामान्य तौर पर एनएसजी की आगामी बैठक अगले साल किसी समय होती। सूत्रों के अनुसार मेक्सिको के इस सुझाव का चीन ने विरोध किया, लेकिन अमेरिका समेत कई देशों से इसे समर्थन मिला।
समिति भी बनी
एनएसजी ने भारत की सदस्यता पर अनौपचारिक बातचीत के लिए एक समिति का गठन भी किया है। अर्जेटीना के राजदूत रफेल ग्रॉसी इसके प्रमुख होंगे। इस बीच, अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने वाशिंगटन में कहा, 'हमें विश्वास है कि इस साल के अंत तक आगे का रास्ता मिल जाएगा। इसके लिए कुछ काम करना होगा। हमें पूरा भरोसा है कि भारत साल के अंत तक एनएसजी का पूर्ण सदस्य बन जाएगा।'