हुर्रियत नेता गिलानी के निशाने पर अब आई हिंदी
कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का नारा देकर कश्मीरी नौजवानों को आतंकवाद की तरफ धकेलने वाले कटटरपंथी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी को भारत के बाद अब हिंदी से भी चिढ़ होने लगी है। बकौल गिलानी कश्मीर पर अपना प्रभुत्व जमाए रखने और कश्मीर की सभ्यता तथा संस्कृति पर हावी होने के लिए साजिश के तहत नई दिल्ली विभिन्न योजनाअ
श्रीनगर [नवीन नवाज]। कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का नारा देकर कश्मीरी नौजवानों को आतंकवाद की तरफ धकेलने वाले कटटरपंथी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी को भारत के बाद अब हिंदी से भी चिढ़ होने लगी है। बकौल गिलानी कश्मीर पर अपना प्रभुत्व जमाए रखने और कश्मीर की सभ्यता तथा संस्कृति पर हावी होने के लिए साजिश के तहत नई दिल्ली विभिन्न योजनाओं के नाम विशुद्घ हिंदी में रखते हुए उन्हें कश्मीर में लागू कर रहा है।
हुर्रियत के कटटरपंथी गुट के चेयरमैन ने हिंदी के खिलाफ अपना गुस्सा गुरुवार को अपने आवास पर आयोजित एक सेमीनार में प्रकट किया। सेमीनार का विषय था कश्मीर पर अपना कब्जा बनाए रखने के लिए भारत का सांस्कृतिक हमला। गिलानी ने कहा कि भारत सरकार धीरे-धीरे कश्मीर में गैर इस्लामिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के अलावा अब कश्मीरियों की जुबान को मिटाने में जुट गई है। उन्होंने कहा कि हमारी यहां की सरकारी जुबान उूर्द है और आम बोल चाल की भाषा कश्मीरी है।
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हुर्रियत चेयरमैन ने कहा कि यहां शराबखोरी, फिल्मों, नाच-गाने को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है जो पूरी तरह गैर इस्लामिक हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने ताकत के दम पर कश्मीरियों की आवाज को दबाने में अपनी नाकामी से सबक लेते हुए अब कश्मीरियों की भाषा, सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ मोर्चा खोला है। भारत अपनी इस साजिश में किसी हद तक कामयाब भी हुआ है और सेना के गुडविल स्कूलों के अलावा डीपीएस जैसे बड़े बड़े निजी स्कूल इसका सुबुत हैं।
अलबत्ता, इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सब कश्मीरी नौजवानों को इस्लाम और कश्मीर की आजादी से दूर ले जाने की साजिश है। लेकिन यह साजिशें कभी कामयाब नहीं होंगी।
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