आतंकियों के खिलाफ सीमा पार करने में गुरेज नहीं, भारत का पाक को स्पष्ट संदेश
भारतीय रणनीतिकारों का मानना है कि अगर अब पाकिस्तान किसी तरह का दुस्साहस करता है तो भारतीय सेना एलओसी पार करने में गुरेज नहीं करेगी।
नई दिल्ली(जेएनएन)। पीओके में भारतीय सेना के सफल सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार कल पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ ने एलओसी पर हाजी पीर इलाके का दौरा किया था। ये भी खबर है कि पाक सेना आतंकी संगठनों को भारतीय सेना के किसी भी संभावित हमले से बचाने के लिए ठिकानों को अलग जगहों पर ले जा रही है। अगर पाकिस्तान अब एलओसी पर किसी तरह का उल्लंघन करता है तो भारतीय सेना एलओसी को पार करने में गुरेज नहीं करेगी।
करगिल लड़ाई के बाद हालात बदले
जानकारों का मानना है कि भारत का मौजूदा रुख 1999 की करगिल वार के बाद बदला है। पाकिस्तान द्वारा एलओसी के मानचित्र में किसी तरह के बदलाव की नापाक कोशिश को भारतीय सेना ने 1999 में नाकाम कर दिया था। तत्कालीन अमेेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी पाकिस्तान के रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि खून में सने हाथों के जरिए किसी तरह का बदलाव न तो अपेक्षित है न होना चाहिए। भारत द्वारा मिली करारी हार और अमेरिकी दबाव में पाकिस्तान ने एलओसी के सम्मान की बात कही थी। लेकिन हकीकत में पाकिस्तान शायद ही अपने वादे पर कायम रहा हो।
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एलओसी पार करने में गुरेज नहींउड़ी हमले के बाद भारत ने भी फैसला किया कि अब पाकिस्तान को बेहतर पाठ पढ़ाने की जरूरत है। भारतीय सेना ने 28-29 सितंबर की रात में पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ये संदेश दिया कि अब संयम के साथ-साथ शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा। भारतीय सेना ने अपनी कार्रवाई से साफ कर दिया कि भारत अब सीमापार से संचालित आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। आतंकी संगठनों का मुकाबला करने के लिए जब जैसी जरूरत होगी , भारतीय सेना कार्रवाई करेगी।
बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान की धरती से भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है। लेकिन पाक के हुक्मरान ये मानने को तैयार नहीं होते हैं। पिछले एक हफ्ते के दरम्यान कश्मीर घाटी में 10 से ज्यादा बार घुसपैठ हो चुकी है। तीन दिन पहले यानि शुक्रवार को आतंकियों ने हंदवाड़ा में सेना के कैंप पर फिदायीन हमले की नाकाम कोशिश की थी। सेना ने सर्च ऑपरेशन में जिन हथियारों और दूसरे सामनों का कब्जे में लिया वो खुद ब खुद इस बात की तस्दीक करते हैं पाकिस्तान सुधरा नहीं है। पाकिस्तान की भाषा और उसकी कार्रवाई से ये लगता ही नहीं है कि वो आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए गंभीर है।