मतदाताओं की गोपनीयता बढ़ाने वाले यंत्र को मिले मंजूरी
चुनाव आयोग ने सरकार से मतदाताओं की गोपनीयता बढ़ाने वाले नए यंत्र के इस्तेमाल की अनुमति के लिए निर्वाचन नियमों में संशोधन करने को कहा है। नए यंत्र से मतगणना के दौरान मतदान के पैटर्न के खुलासे को रोका जा सकेगा।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सरकार से मतदाताओं की गोपनीयता बढ़ाने वाले नए यंत्र के इस्तेमाल की अनुमति के लिए निर्वाचन नियमों में संशोधन करने को कहा है। नए यंत्र से मतगणना के दौरान मतदान के पैटर्न के खुलासे को रोका जा सकेगा।
हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने विधि मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में यह मांग की। मौजूदा नियम के मुताबिक, ईवीएम के मतों की गिनती मतदान केंद्र के अनुसार होती है। इससे विभिन्न स्थानों पर मतदान के पैटर्न के बारे में हर किसी को पता चल जाता है। आयोग का मानना है कि इससे मतदाताओं को परेशानी, भेदभाव और धमकी का सामना करना पड़ सकता है।
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इस समस्या को दूर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. ने 'टोटलाइजर' नामक यंत्र का विकास किया है। इससे 14 ईवीएम के ग्रुप में परिणाम लिए जा सकते हैं और हर ईवीएम के मतों का खुलासा नहीं हो सकेगा। इस यंत्र का निर्माण एक दशक पहले किया गया है, लेकिन सरकार की मंजूरी रुके रहने से इस्तेमाल नहीं किया जा सका। आयोग का मानना है कि 'टोललाइजर' के इस्तेमाल से मतदान की गोपनीयता और बढ़ जाएगी। गौरतलब है कि विधि आयोग ने भी पिछले साल मार्च में सरकार को सौंपी गई चुनाव सुधार संबंधी रिपोर्ट में इस यंत्र के इस्तेमाल का समर्थन किया है।
डीडी, एआइआर पर चुनाव प्रचार स्क्रिप्ट के लिए बने समिति
चुनाव आयोग ने प्रसार भारती से दूरदर्शन (डीडी) और ऑल इंडिया रेडियो (एआइआर) पर राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार के स्कि्रप्ट की मंजूरी के लिए समिति बनाने को कहा है। प्रसार भारती को भेजे एक पत्र में आयोग ने कहा कि इस बारे में कुछ दलों ने बताया है कि उनके द्वारा सौंपी गई ट्रांस्कि्रप्ट में डीडी तथा एआइआर की स्वीकृत स्कि्रप्ट में काफी अंतर और बदलाव होते हैं।
आयोग ने इस संबंध में पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मिली शिकायतों का उल्लेख किया। उसने कहा कि प्रसार भारती भविष्य में सभी चुनावों के लिए इस तरह के भ्रम और बदलाव से बचने के लिए एआइआर और डीडी की शीर्ष समीक्षा समिति का गठन करे।
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