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32 साल से पाक की जेल में बंद है लक्ष्मी का सुहाग, अब जगी है अाशा की किरण

लक्ष्‍मी उस वक्‍त महज 18 साल की थीं। 1985 की बात है, जब उनके पति भटक कर सीमा पार चले गए और वहां पकड़ लिए गए।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Fri, 08 Sep 2017 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 08 Sep 2017 02:04 PM (IST)
32 साल से पाक की जेल में बंद है लक्ष्मी का सुहाग, अब जगी है अाशा की किरण

नई दिल्‍ली। लक्ष्‍मी सिंह हर सुबह दूसरी महिलाओं की तरह अपनी मांग में सिंदूर भरती हैं और पति की सुरक्षा की कामना करती हैं। मगर उनमें और दूसरी महिलाओं में एक अंतर है, उनके पति भागु सिंह पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान की एक जेल में सालों से बंद हैं। ऐसे में लक्ष्‍मी की पीड़ा को समझने की बात कहना भी बेमानी होगा।

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राजस्‍थान के बाड़मेर जिले की रहने वाली लक्ष्‍मी उस वक्‍त महज 18 साल की थीं। 1985 की बात है, जब उनके पति भटक कर सीमा पार चले गए और वहां पकड़ लिए गए। वह गोहद का ताला नामक एक गांव में थे, जो भारत-पाकिस्‍तान सीमा के करीब स्थित है और उस समय सीमा पर बाड़ नहीं लगाई गई थी। तब से वह पाकिस्‍तान की जेल में बंद हैं। 1991 में बॉर्डर फेंसिंग के दौरान तब यह मामला सामने आया, जब भुवनेश जैन नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता ने एक सर्वे किया और पाया कि बाड़मेर व जैसलमेर के 10 लोग पाकिस्‍तान की जेल में बंद हैं।

इस बीच, लक्ष्‍मी ने तीन बच्‍चों को बड़ा किया और कई नेताओं, सरकारी अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का दरवाजा खटखटाया और इस संबंध में अनगिनत पत्र लिखें। मगर इतने सालों में पहली बार अब उन्‍हें उम्‍मीद की किरण नजर आई है और इसका श्रेय एक स्‍थानीय पत्रकार प्रेमदान को जाता है जिन्‍होंने इस संबंध में केंद्रीय राज्‍य विदेश मंत्री वीके सिंह को एक ट्वीट किया और उन्‍होंने इस पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए भारतीय उच्‍चायुक्‍त को इस मामले पर विस्‍तार से जानकारी देने को कहा।

हिंदुस्‍तान टाइम्‍स से बातचीत में प्रेमदान ने बताया कि उन्‍होंने पहले ही मंत्री को इस बारे में विस्‍तार से जानकारी भेज दी है। वहीं लक्ष्‍मी ने कहा कि हर किसी ने आश्‍वासन दिया कि एक दिन मेरे पति मेरे पास लौट आएंगे। मैंने इसके सहारे अपनी जिंदगी गुजार दी। अब वीके सिंह की वजह से उम्‍मीद की नई किरण जगी है। लक्ष्‍मी ने कहा, उम्‍मीद करती हूं कि मेरे पति के लौट आने से मुझे 30 साल जीने में मदद मिलेगी। मैंने एक बार फिर उम्‍मीद करने की हिम्‍मत जगाई है। इतने बड़े नेता ने ऐसा कहा है तो वह निश्चित रूप से कोशिश करेंगे। बाकि भगवान के हाथ में है।

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