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जासूसी विवाद में शिंदे भी कूदे

एक युवती की जासूसी पर गृह मंत्रालय गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांग सकता है। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि इस संबंध में वह पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने युवती के पिता की निजता में खलल रोकने की अपील खारिज कर दी है।

By Edited By: Published: Wed, 20 Nov 2013 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2013 11:51 PM (IST)

नई दिल्ली [जाब्यू]। एक युवती की जासूसी पर गृह मंत्रालय गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांग सकता है। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि इस संबंध में वह पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने युवती के पिता की निजता में खलल रोकने की अपील खारिज कर दी है। नरेंद्र मोदी के खिलाफ मिले मुद्दे से उत्साहित संचार व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि देर-सबेर भाजपा को अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को बदलना होगा। जबकि युवती के पिता के राष्ट्रीय महिला आयोग को लिखे पत्र के बाद पूरा भाजपा नेतृत्व विवाद खत्म हो जाने पर जोर दे रहा है।

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गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से इस मामले की जांच के लिए अनुरोध का पत्र नहीं मिला है। पत्र मिलने के बाद गुजरात सरकार से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी जा सकती है। वैसे शिंदे ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों से जानकारी जुटाने के बाद आगे की कार्रवाई का फैसला किया जाएगा। लेकिन गृह मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि उनके पास गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांगने के अलावा कोई अधिकार नहीं है।

वहीं बिना वजह के विवाद को तूल न देने की युवती के पिता की अपील को खारिज कर राष्ट्रीय महिला आयोग ने साफ कर दिया है कि मामला फिलहाल शांत होने वाला नहीं है। उसके अनुसार बालिग युवती के बजाय उसके पिता के पत्र को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। आयोग ने पूरे मामले की जांच के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखने की घोषणा की है। राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ-साथ कांग्रेस ने भी इस पत्र को खारिज कर दिया है। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शोभा ओझा के अनुसार उनकी पार्टी ने कभी भी युवती या उसके परिवार का नाम नहीं लिया। इसके बजाय खुद भाजपा ने युवती के पिता का नाम सार्वजनिक किया है।

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला और शोभा ओझा ने कहा कि पिता के पत्र से भी मामले की गंभीरता कम नहीं होती। यह सवाल पूरी व्यवस्था का है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक सरकार किस तरह काम करती है?

वहीं, युवती के पिता के पत्र को भाजपा हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से लेकर प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर तक ने इस पत्र के बाद विवाद के खत्म होने का एलान कर दिया। जेटली ने कहा कि इस पूरे विवाद में तथ्य कम और राजनीति ज्यादा है। युवती और उसके पिता शिकायत करने के बजाय अनुरोध पर सुरक्षा मुहैया कराने की बात कह रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस मानने को तैयार नहीं है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस अब यह सब रोके। अगर निजी हमले शुरू हुए, तो कांग्रेस की बहुत सारी छिपी कारगुजारियां हैं और उसे छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी।

'युवती और उसके पिता कह रहे हैं कि उनकी मांग पर उन्हें सुरक्षा दी गई। वे इसकी शिकायत नहीं कर रहे लेकिन कांग्रेस चिंतित है। इससे साबित होता है कि इसमें तथ्य कम और राजनीति ज्यादा है।'

- अरुण जेटली, भाजपा नेता

'सुरक्षा मुहैया कराना और अवैध तरीके से जासूसी कराना अलग-अलग चीजें हैं। लोगों को अनधिकृत निगरानी में रखना एक आपराधिक मामला है, जो हमारे संविधान में दंडनीय है।'

- मनीष तिवारी, केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री

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