आदर्श गांवों से लौटेगा राम राज
अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना पर सही ढंग से अमल हुआ तो अब तक मूलभूत सुविधाओं को तरसते रहे गांवों में राम राज की शुरुआत हो सकती है। इसकी नींव 11 अक्टूबर को रखी जाएगी जब प्रधानमंत्री मोदी सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत करेंगे। योजना के मुताबिक आदर्श गांवों में न सिर्फ सुविधाएं होंगी बल्कि शरा
नई दिल्ली, [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना पर सही ढंग से अमल हुआ तो अब तक मूलभूत सुविधाओं को तरसते रहे गांवों में राम राज की शुरुआत हो सकती है। इसकी नींव 11 अक्टूबर को रखी जाएगी जब प्रधानमंत्री मोदी सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत करेंगे। योजना के मुताबिक आदर्श गांवों में न सिर्फ सुविधाएं होंगी बल्कि शराबखोरी, धूमपान और व्यसन करने वालों के लिए जगह नहीं होगी। गांव के सभी विवादों का निपटारा ग्राम पंचायतें परस्पर मिल बैठकर करेंगी।
लाल किले की प्राचीर से घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने आदर्श ग्राम की रूप रेखा तैयार कर ली है और इस बारे में राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश भी भेजे जा चुके हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन से योजना को खुद प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाएंगे। यह एक मेगा शो की तरह होगा जिसमें सांसदों के साथ साथ ब्लाक और पंचायत स्तर के कई प्रतिनिधि मौजूद होंगे। योजना के अनुसार सांसद और ंिवधायक गांवों के चयन को लेकर स्वतंत्र होंगे। मैदानी इलाके में तीन से पांच हजार की आबादी वाले गांव और पहाड़ी एवं आदिवासी क्षेत्रों में एक से तीन हजार की आबादी वाले गांवों को चुना जाएगा। इन गांवों के सभी लोगों के पास आधार कार्ड होगा। स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार सृजन पर तवज्जाो दी जाएगी। इसमें निजी क्षेत्र के अलावा एनजीओ की भी मदद ली जा सकती है। इससे पूर्व पुरा (प्रोवाइडिंग अर्बन फेसिलिटी इन रूरल एरिया) को अमली जामा पहने की कोशिश हुई थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी थी।
सांसद आदर्श गांवों में कोई घर कच्चा नहीं होगा। पाइप से पेयजल आपूर्ति होगी। स्ट्रीट लाइट, सीवरलाइन, बारिश के पानी की निकासी के साथ गांव के भीतर की सभी सड़कें पक्की होंगी। राशन दुकानें, माइक्रो मिनी बैंक, पोस्ट आफिस और एटीएम लगाए जाएंगे। गांव इंटरनेट से जुड़ा रहेगा। सीसीटीवी कैमरे से हर गली कूचा सबकी नजर में होगा। ऐसे गांवों में उसी स्तर के स्कूल, आंगनबाड़ी और पंचायत घर होंगे। केंद्र सरकार के 19 मंत्रालयों की विभिन्न योजनाएं इन गांवों में सघनता से लागू की जाएंगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय की अध्यक्षता में इन मंत्रालयों की एक उच्च स्तरीय कमेटी होगी, जबकि राज्य के स्तर की कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे।
सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में संसद के दोनों सदनों लोकसभा-राज्यसभा के सदस्यों के साथ विधायकों को दायित्व सौंपा जाना है। इसमें सांसद व विधायक निधि का धन और उनकी देखरेख में आदर्श गांव विकसित होंगे।