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अफजल मामले पर मणिशंकर अय्यर ने पीडीपी विधायकों से मिलाया सुर

कांग्रेस के दिग्‍गज नेता मणिशंकर अय्यर ने फिर एक विवादित बयान देकर सबको चौंका दिया है। मणिशंकर का कहना है कि संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु को जब फांसी पर लटकाया गया, तो वह बहुत परेशान हुए थे। साथ ही मणिशंकर का यह भी कहना है कि

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 02:47 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 07:07 PM (IST)

नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता मणिशंकर अय्यर ने फिर एक विवादित बयान देकर सबको चौंका दिया है। मणिशंकर का कहना है कि संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु को जब फांसी पर लटकाया गया, तो वह बहुत परेशान हुए थे। साथ ही मणिशंकर का यह भी कहना है कि अफजल गुरु के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने के बावजूद उसे फांसी की सजा दे दी गई।

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मणिशंकर अय्यर ने कहा, 'अफजल गुरु को जब फांसी दी गई, तो मुझे बहुत दुख हुआ था। तब मैं बहुत परेशान हो था। अफजल गुरु के खिलाफ इतने सबूत ही नहीं थे, जिनके दम पर उसे फांसी की सजा दी जाती।'

मणिशंकर अय्यर यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कह दिया कि अफजल गुरु के परिवार को उनके शव के अवशेष सौंप देने चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अफजल गुरु के परिवार के साथ अन्याय किया गया है। मैं हमेशा से ही मानता आया हूं कि अफजल गुरु के परिवार को उनके शव के अवशेष सौंप देने चाहिए।'

शायद यह विवादित बयान देते समय मणिशंकर अय्यर यह भूल गए कि अफजल गुरु को यूपीए सरकार के दौरान ही फांसी देने का फैसला लिया गया था। अफजल को 9 फरवरी 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी और वहीं उसका शव दफन कर दिया गया था। पिछले दिनों जब पीडीपी के विधायकों ने मांग की कि अफजल के शव के अवशेष उन्हें दिए जाएं, तब से इस मुद्दे पर फिर बहस छिड़ी हुई है। कोई कहता है कि अफजल के परिवार वालों को उसके शव के अवशेष दे देने चाहिए। उधर कुछ लोग इस मांग को राजनीति की तराजू में तोलकर देख रहे हैं।

हालांकि, अफजल गुरू के शव के अवशेष और उनकी निजी चीजों को वापस करने की पीडीपी की मांग को गृह मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि अफजल के शव के अवशेषों को देने से घाटी में शांति व्यवस्था बाधित हो सकती है। इस मसले पर आज विपक्ष ने संसद में हंगामा भी किया। तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए अफजल को फांसी देकर उसके शव को तिहाड़ जेल में ही दफना दिया गया था। जेल प्रशासन का कहना है कि अब अफजल का शव निकालकर देना संभव नहीं है।

पीडीपी ने गुरू की फांसी को गलत बताते हुए इसकी निंदा की है। पार्टी का आरोप है कि इस मामले में केंद्र सरकार ने नियमों और कानूनों की पूरी तरह से अनदेखी की। जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा की सरकार बनने के बाद पीडीपी ने अफजल गुरू की सभी चीजों को वापस करने की केंद्र सरकार से मांग की थी। राज्य के एक विधायक ने इस तरह के एक पत्र को कई जगहों पर बांटा है।

इंजीनियर राशिद का कहना है कि इस तरह का पत्र कैबिनेट मंत्री और पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख्तर ने लिखा है। इस पत्र के अंत में अख्तर के हस्ताक्षर भी हैं। उन्होंने मीडिया को इस बाबत नईम का एक प्रेस नोट भी पढ़कर सुनाया। अफजल गुरू की फांसी को गलत बताने वालों में सिर्फ पीडीपी ही शामिल नहीं है। पूर्व की यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शशि थरूर ने भी गुरू की फांसी पर सवाल उठाते हुए उसको गलत बताया था।

पढ़ें : पीडीपी किस हक से मांग रही अफजल गुरु के शव के अवशेष: अख्तर

पढ़ें : पीडीपी को अब अफजल से हमदर्दी, मांगा गुरु का सामान


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