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भ्रष्टाचार से त्रस्त परेश रावल चाहते हैं नक्सली बनना

पुणे। मशहूर अभिनेता परेश रावल का कहना है वह भ्रष्टाचार से इतना आजिज आ चुके हैं कि कभी-कभी उनका मन बंदूक उठा लेने को करता है। इच्छा होती है कि वह राजनेताओं को गोली मार दें और नक्सली बन जाएं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से इतना निराश हो चुका हूं कि बंदूक उठाकर नक्सली बन जाने का दिल करता है। ये भ्रष्ट लोग निहायत

By Edited By: Published: Wed, 07 Nov 2012 07:53 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2012 08:42 PM (IST)

पुणे। मशहूर अभिनेता परेश रावल का कहना है वह भ्रष्टाचार से इतना आजिज आ चुके हैं कि कभी-कभी उनका मन बंदूक उठा लेने को करता है। इच्छा होती है कि वह राजनेताओं को गोली मार दें और नक्सली बन जाएं।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से इतना निराश हो चुका हूं कि बंदूक उठाकर नक्सली बन जाने का दिल करता है। ये भ्रष्ट लोग निहायत ही निम्न स्तर वाले और बेशर्म हैं जिनका नैतिकता से कोई वास्ता नहीं है। मंगलवार की रात 10वें पुलोत्सव मराठी उत्सव में स्मृति सम्मान पाने के दौरान उन्होंने यह बात कही।

यह सम्मान स्वर्गीय मराठी लेखक और थियेटर आर्टिस्ट पीएल देशपांडे की स्मृति में दिया जाता है। सम्मान के रूप में परेश को एक प्रशस्ति पत्र और 51 हजार रुपये नकद दिए गए। बिना किसी लाग-लपेट के अपनी बात रखते हुए परेश ने कहा कि जिन लोगों के पास पैसे नहीं है, उनका जीना दूभर हो गया है।

हर रोज अखबार में लाखों करोड़ों रुपये के घोटाले के बारे में पढ़कर सोचता हूं कि क्या वाकई भारत एक गरीब देश है? अगर नहीं तो इसका मतलब यही है कि हमें गरीब रखा जा रहा है। उन्होंने इस स्थिति के लिए उन लोगों को भी दोषी ठहराया जो वोट नहीं देते।

हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी कलाकार ने इस तरह की टिप्पणी की है। दस साल पहले मशहूर थियेटर आर्टिस्ट स्वर्गीय विजय तेंदुलकर ने भी गुजरात में हुए सांप्रदायिक नरसंहार के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री को गोली मारने की बात कही थी।

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