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कोरोना वैक्‍सीन लेने के बाद संक्रमित होने से कैसे बचें, विशेषज्ञ की जुबानी जानें- ऐसे कुछ सवालों के जवाब

संक्रमित होने के बाद कोई व्‍यक्ति कोरोना वैक्‍सीन को कब लगवाए। इसको लेकर लोगों के मन में कइ्र तरह की शंका जन्‍म लेने लगी हैं। ऐसे ही कई सवालों का जवाब एक्‍सपर्ट ने यहां पर दिया है जो जानना जरूरी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 01:08 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 07:25 AM (IST)
वैक्‍सीन लेने के बाद दो सप्‍ताह आइसोलेट होना जरूरी

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। कोरोना की वैक्‍सीन को लेने के बाद संक्रमण के मामले सामने आने से लोगों के मन में इसको लेकर जो शंका और सवाल उठ रहे हैं उन्‍हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जरूरत इस बात की है कि लोगों के मन में उठ रही दुविधाओं से उन्‍हें जल्‍द उबारा जाए। आपको बता दें कि वैक्‍सीन आने के साथ ही हर देश और कंपनी ने ये बात साफ कर दी थी कि कोई भी वैक्‍सीन कोरोना पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से कारगर नहीं है। ये वैक्‍सीन शरीर की इम्‍यूनिटी को बढ़ाती है जिसकी वजह से वायरस से लड़ने में शरीर को ताकत मिलती है। इसकी बदौलत कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोका या कम किया जा सकता है। इसके बाद भी लोगों के मन में शंका रह रहकर उठ रही है।

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इस बारे में सफदरजंग अस्‍पताल के कम्‍यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के हैड प्रोफेसर और डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना है कि वैक्‍सीन लेने के बाद यदि व्‍यक्ति लापरवाह हो ता है तो वो संक्रमण की चपेट में आ सकता है। उनका कहना है कि वैक्‍सीन की खुराक लेने के बाद यदि एक से दो सप्‍ताह तक खुद को आइसोलेट कर लिया जाए तो संक्रमण होने की आशंका से बचा जा सकता है। ये तरकीब दो तरह से कारगर है। पहले तो ये कि यदि व्‍यक्ति बाहर नहीं जाएगा तो उसको बाहर से संक्रमण नहीं होगा। दूसरा ये भी कि यदि वो किसी तरह से संक्रमित हो भी जाता है तो उससे दूसरों को संक्रमित होने का खतरा खत्‍म हो जाएगा। ऐसे में सक्रमण की चेन को तोड़ने में मदद मिल सकती है। यदि दो सप्‍ताह के बीच में हालत खराब नहीं होती है और सब कुछ सामान्‍य रहता है तो वो एहतियात के साथ अपने जीवन को सामान्‍य करने की तरफ बढ़ सकते हैं।

वैक्‍सीन लगवाने के बाद भी संक्रमित होने वालों की अधिक संख्‍या के बाबत उन्‍होंने कहा कि ये पहले से ही बता दिया गया था कि वैक्‍सीन का असर करीब 10 फीसद लोगों पर प्रतिकूल पड़ सकता है। ये केवल भारत की ही बात नहीं है बल्कि ऐसा पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। भारत में इसके नंबर इसलिए अधिक है क्‍योंकि हमारे यहां पर जनसंख्‍या की दर दूसरे देशों की तुलना में अधिक है। प्रोफेसर जुगल किशोर का कहना है कि इसके बावजूद लोगों को वैक्‍सीन के प्रति अपनी सकारात्‍मक सोच बरकरार रखनी चाहिए। वैक्‍सीन लेने के बाद गंभीर स्‍तर का संक्रमण होने के चांसेज काफी कम हो जाते हैं। डॉक्‍टर के मुताबिक वैक्‍सीन की सिंगल डोज से भी लोगों को कई महीनों तक प्रोटेक्‍शन मिल जाती है। इसलिए लोगों को चाहिए कि वो कम से कम वैक्‍सीन की एक डोज जरूर ले लें।


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