हिजबुल ने कहा, कश्मीरी पंडित घाटी में लौटें हम करेंगे उनकी सुरक्षा
हजारों कश्मीरी पंडित 1990 के दशक में आतंकवाद के उभार के बाद पलायन को मजबूर हुए थे। संगठन ने सिख युवाओं का एक संगठन बनाने की योजना का खुलासा भी किया है।
श्रीनगर,प्रेट्र। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने कश्मीर से पलायन कर गए पंडितों से घाटी में लौट आने की अपील की है। उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया है। हजारों कश्मीरी पंडित 1990 के दशक में आतंकवाद के उभार के बाद पलायन को मजबूर हुए थे। इसके साथ ही आतंकी संगठन ने सिख युवाओं का एक संगठन बनाने की योजना का खुलासा भी किया है।
इस साल जुलाई में एक मुठभे्ड़ में मारे जा चुके आतंकी बुरहान वानी का 'उत्तराधिकारी' माने जाने वाला स्वयंभू कमांडर जाकिर राशिद भट उर्फ 'मूसा' ने मंगलवार को जारी एक संक्षिप्त वीडियो संदेश में कहा है- 'हम कश्मीरी पंडितों से अपने घर लौटने की अपील करते हैं। हम उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं।' पंजाब के एक इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर कुछ साल पहले हिजबुल में शामिल हुआ मूसा ने यह भी कहा कि 'उन्हें (पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों को) उन पंडितों के बारे में सोचना चाहिए, जिन्होंने कभी कश्मीर नहीं छोड़ा। उन्हें किसने प्रताड़ित किया या उनकी हत्या की?' करीब 1.38 मिनट के वीडियो में सेना जैसी वर्दी में दिख रहे मूसा ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर किए जाने के पीछे भी बड़ा ही अजीब तर्क दिया है।
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उसका कहना है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर करने की एक रणनीतिक योजना थी ताकि मुस्लिमों को निशाना बनाया जा सके। उसका दावा है कि सरकार घाटी में भी वैसी ही कार्रवाई की योजना बना रही थी, जैसा कि पंजाब में ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार ऑपरेशन हुआ था।
उसने कहा है- 'हमारे सिख भाई हमसे हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए आग्रह कर रहे हैं. हम हर कदम पर उनके साथ हैं और अल्लाह चाहेगा तो हम सिखों के लिए एक एक्सक्लूसिव गुट बनाने की कोशिश करेंगे।'
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घाटी में खासकर दक्षिण कश्मीर के जिलों में हथियार छीनने की बढ़ी घटनाओं पर उसने कहा- 'कई युवा जिहाद में शामिल हुए हैं और हथियार छीनकर हमारे रैंक में आए हैं।' यह वीडियो एक अज्ञात जगह पर शूट किया गया है। इसमें मूसा के पीछे हरे रंग के दो धार्मिक बैनर लगे हैं और उसके दोनों तरफ कई हथियार हैं।
उल्लेखनीय है कि 8 जुलाई को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में करीब सा़़ढे तीन महीने से अशांति है। इस दौरान प्रदर्शनों में सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में अब तक 84 लोग मारे जा चुके हैं और हजारों घायल हैं।
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