जम्मू-कश्मीर से AFSPA हटाने के लिए महबूबा सरकार ने नहीं दिया प्रस्ताव: RTI
पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर से अफस्पा हटाने को लेकर कोई औपचारिक प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है।
श्रीनगर, (पीटीआई)। जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफ्सपा) अहम मुद्दा रहा है। विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत सत्तारूढ़ दल पीडीपी राज्य में अफ्सपा को हटाने की मांग करता रहा है। लेकिन एक आरटीआई के जरिए पता चला है कि जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सरकार ने राज्य से अफस्पा एक्ट को हटाने को लेकर कोई औपचारिक प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता एमएम सहूजा ने जम्मू-कश्मीर में अफस्पा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक आरटीआई दाखिल की थी। जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसको लेकर अभी तक कोई प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है। मंत्रालय ने अपने जवाब में ये भी कहा कि राज्य में अफस्पा हटाने को लेकर समय-समय पर विचार किया जाता है। हालांकि, राज्य में अफस्पा हटाने के लिए मौजूदा समय उपयुक्त नहीं है।
प्रदेश से फिलहाल नहीं हटेगा AFSPA, हुर्रियत से बातचीत भी नहींः राजनाथ
गौरतलब है कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पीडीपी और विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी राज्य में अफस्पा को चुनावी मुद्दा बनाती रही है। समय-समय पर राज्य में अफस्पा को हटाने की मांग उठती रही है। साल 2011 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने भी पी चिदंबरम के साथ एक बैठक में अफस्पा के मुद्दे पर बातचीत की थी।
हाल ही में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अफस्पा को प्रयोग के तौर पर कुछ इलाकों से हटाना चाहिए।उन्होंने प्रायोगिक तौर पर 25 से 50 पुलिस थानों से शुरू करते हुए कुछ इलाकों से अफस्पा हटाने का सुझाव दिया था।
क्या है अफ्सपा ?
जम्मू-कश्मीर की सेना को किसी भी व्यक्ति को बिना कोई वारंट के तशाली या गिरफ्तार करने का विशेषाधिकार है। यदि वह व्यक्ति गिरफ्तारी का विरोध करता है तो उसे जबरन गिरफ्तार करने का पूरा अधिकार सेना के जवानों को प्राप्त है।
जम्मू-कश्मीर से अफस्पा हटाने पर गृह मंत्रालय को विचार करना होगा: पर्रिकर