जज को नहीं भाई आसाराम को जमानत देने की वजह, याचिका खारिज
गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आसाराम बापू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने उनके द्वारा बताए जा रहे कारणों को अयोग्य मानते हुए उनकी याचिका काे खारिज कर दिया। दरअसल कोर्ट के सामने आसाराम के वकील ने दलील दी थी कि उन्हें अपने भतीजे शंकर पगरानी के
अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आसाराम बापू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने उनके द्वारा बताए जा रहे कारणों को अयोग्य मानते हुए उनकी याचिका काे खारिज कर दिया। दरअसल कोर्ट के सामने आसाराम के वकील ने दलील दी थी कि उन्हें अपने भतीजे शंकर पगरानी के अंतिम संस्कार से संबंधित रस्मों को निभाने के लिए जमानत दी जाए। लेकिन कोर्ट ने इसको वाजिब वजह नहीं माना।
आसाराम ने अपनी याचिका में यह भी बात कही थी कि उनके भतीजे के मा-बाप का देहांत हो चुका है और उसकी आखिरी इच्छा थी कि वही उनका अंतिम संस्कार भी करें। याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जमानत के लिए यह वजह गैर-वाजिब है। इससे पहले आसाराम की जमानत याचिका को निचली अदालत भी ठुकरा चुकी है।
आसाराम बापू यौन उत्पीडऩ मामले में सरकारी गवाह का अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार के इंतजार में पगरानी का शव उसकी मौत के बाद से ही सिविल अस्पताल के कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है। गौरतलब है कि अासाराम पर सूरत की एक युवती ने 2001 से 2006 तक लगातार उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। उसका आरोप है कि अहमदाबाद के आश्रम में आसाराम ने कई बार उसको अपनी हवस का शिकार बनाया था। वहीं उसकी छोटी बहन ने आसाराम के पुत्र नारायण साई पर कथित यौन शोषण का आरोप लगाया है। यह दोनों ही आरोपों में घिरने के बाद से आसाराम और नारायण साई राजस्थान की एक जेल में बंद हैं।