गुजरात दंगा : साबरमती जेल से छूटीं मायाबेन कोडनानी
गुजरात दंगा मामले में अठाइस साल की सजा काट रहीं पूर्व मंत्री डॉ. मायाबेन कोडनानी हाईकोर्ट से चिकित्सकीय आधार पर मिली जमानत पर साबरमती जेल से बाहर आ गई। हालांकि कोडनानी को बुधवार को ही जमानत मिल गई थी, लेकिन विशेष जांच दल (एसआइटी) ने जमानत के विरोध में नई अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया।
अहमदाबाद [राज्य ब्यूरो]। गुजरात दंगा मामले में अठाइस साल की सजा काट रहीं पूर्व मंत्री डॉ. मायाबेन कोडनानी हाईकोर्ट से चिकित्सकीय आधार पर मिली जमानत पर साबरमती जेल से बाहर आ गई। हालांकि कोडनानी को बुधवार को ही जमानत मिल गई थी, लेकिन विशेष जांच दल ने जमानत के विरोध में नई अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया।
गुजरात दंगा मामलों की जांच कर रही एसआइटी ने गुरुवार सुबह हाईकोर्ट में मायाबेन की सजा बरकरार रखने तथा नियमित जमानत रद करने की अर्जी पेश की। कोर्ट ने औपचारिक ढंग से अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया और दोपहर बाद याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जेल से रिहा हुई मायाबेन को सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां उनका उपचार चल रहा है।
ज्ञात हो, गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच में सवार 59 कारसेवकों को फूंके जाने के बाद ¨हसा भड़क उठी थी। 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोडा पाटिया क्षेत्र में 97 मुस्लिमों की हत्या कर दी थी। सत्र न्यायालय ने अगस्त 2012 में कोडनानी को दंगा भड़काने और नरसंहार का मुख्य दोषी मानते हुए 28 साल की सजा सुनाई थी। करीब दो साल सजा काटने के बाद हाईकोर्ट ने उनकी खराब सेहत को देखते हुए उन्हें नियमित जमानत दी थी।