नोएडा में खिला बिना पंखुड़ी का हरा गुलाब
बॉटेनिकल गार्डन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे खूबसूरत हरे गुलाब को उगाने में सफलता हासिल की है, जो पहली बार 1
नोएडा। बॉटेनिकल गार्डन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे खूबसूरत हरे गुलाब को उगाने में सफलता हासिल की है, जो पहली बार 1854 में चीन में पाया गया था। गार्डन के वैज्ञानिकों की देखरेख व मालियों की दया-प्रेम से ही यह गुलाब सेक्टर-38ए स्थित बॉटेनिक गार्डन में इन दिनों खिलखिला रहा है।
चीन में पहली बार पाए जाने के चलते इस हरे गुलाब को रोजा चिनेन्सिस विरिडिफ्लोरा के नाम से जाना जाता है। जलवायु परिवर्तन के साथ ही अलग-अलग देशों में इसके रंग में परिवर्तन होता है। फलने-फूलने के लिए पूरी तरह से सूर्य की रोशनी पर निर्भर रहने वाला यह गुलाब 2.5 से 3 फीट तक की लंबाई वाला होता है। इसकी खास बात यह है कि इस गुलाब की कलियां तो सामान्य गुलाब की तरह ही लगती हैं, लेकिन इसमें पंखुड़ियां नहीं होतीं। यह फूल बीज या कलम से नहीं उगाया जाता, बल्कि इस गुलाब को केवल कटिंग के माध्यम से ही उगाया जा सकता है।
सबको लुभा रंग हरा गुलाब
गार्डन में 30 विविध प्रकार के गुलाब भी मौजूद हैं, लेकिन यह हरा गुलाब आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सभी गुलाबों की तरह यह गुलाब भी सूखा प्रतिरोधी है। फिलहाल गार्डन में इस प्रकार के 4 पौधे जीवित हैं, जिनकी कटिंग कर और उगाए जाने की तैयारी हैं। इस गार्डन में लगभग 50 व्यक्ति कार्यरत हैं, जो इन वनस्पतियों की देखरेख करते हैं।
बॉटेनिकल गार्डन के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. शिव कुमार कहते हैं कि, इस गुलाब में फूल के ऊपर फूल का आना वैज्ञानिकों को भी सोच में डालने वाला है। इसका क्या कारण है? इस पर शोध किया जाना है। इसके साथ ही गार्डन में और भी विभिन्न प्रकार के वनस्पति लाने की योजना हैं, जिनमें विक्टोरिया एमेजोनिका नामक पत्ता जिस पर एक बच्चा तैर भी सकता है, साथ ही कोको-डी-मोएर नामक बीज जिसका वजन लगभग 30 किलो है, को भी लाने की योजना है।