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डांस बार पर 'पूर्ण प्रतिबंध' लगाने की सिफारिश

मुंबई। जस्टिस सीएस धर्माधिकारी समिति ने डांस बार पर 'पूर्ण प्रतिबंध' लगाने और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर अश्लीलता रोकने के लिए एक नीति बनाने की सिफारिश की है। महाराष्ट्र सरकार ने यह समिति महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने के उपायों की सिफारिश के लिए गठित की है।

By Edited By: Published: Wed, 03 Sep 2014 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 03 Sep 2014 05:29 PM (IST)

मुंबई। जस्टिस सीएस धर्माधिकारी समिति ने डांस बार पर 'पूर्ण प्रतिबंध' लगाने और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर अश्लीलता रोकने के लिए एक नीति बनाने की सिफारिश की है। महाराष्ट्र सरकार ने यह समिति महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने के उपायों की सिफारिश के लिए गठित की है।

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ये सुझाव राज्य सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने अपनी चौथी और पांचवीं अंतरिम रिपोर्ट में दिए हैं। इसे एक जनहित याचिका पर बांबे हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। इस याचिका में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों की मांग की गई है। समिति ने डांस बार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश में इस बात का हवाला दिया है कि जब राज्य सरकार ने इसे प्रतिबंधित किया था, उस समय महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में गिरावट आई थी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने डांस बार पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया था। इसके बाद इस साल जून में महाराष्ट्र विधानसभा में प्रतिबंध को लेकर एक नए विधेयक को मंजूरी दी गई। इसमें बड़े होटलों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर डांस आयोजनों को इस दायरे में लाया गया। राज्य सरकार ने डांस बार पर वर्ष 2005 में पाबंदी लगा दी थी, लेकिन तीन और पांच सितारा होटलों को प्रतिबंध से मुक्त रखा था। सरकार के इस फैसले को भेदभाव पूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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