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भूमि बिल इस सत्र में पारित करने पर होगा जोर

कई दलों के विरोध के बावजूद सरकार का भूमि अधिग्रहण विधेयक को संसद के वर्तमान सत्र में पारित कराने पर पूरा जोर रहेगा। हालांकि इस सत्र में विधेयक पारित हो पाएगा, इसे लेकर वह आश्वस्त नहीं है।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2015 12:34 AM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2015 02:01 AM (IST)

नई दिल्ली। कई दलों के विरोध के बावजूद सरकार का भूमि अधिग्रहण विधेयक को संसद के वर्तमान सत्र में पारित कराने पर पूरा जोर रहेगा। हालांकि इस सत्र में विधेयक पारित हो पाएगा, इसे लेकर वह आश्वस्त नहीं है।

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केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने सोमवार को सरकार का इरादा स्पष्ट करते बताया कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर अपने सरकार अपने रुख से नहीं हिलेगी। मई के पहले सप्ताह में संसद में चर्चा के दौरान विधेयक को विपक्ष द्वारा किसान विरोधी बताए जाने का जोरदार ढंग से प्रतिवाद किया जाएगा। हालांकि विधेयक के वर्तमान सत्र में पारित होने को लेकर उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि इसे संसद देखेगी।

केंद्रीय मंत्री ने आप की रैली में किसान गजेंद्र सिंह की खुदकुशी के चलते विधेयक पारित करने में सरकार द्वारा देरी किए जाने की रिपोर्ट को खारिज किया। उन्होंने भूमि विधेयक को सिंह की खुदकुशी से जोड़ने आश्चर्य जताया और इसे दुष्प्रचार बताया।

उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राजग का भूमि विधेयक दिसंबर 2014 में आया जबकि यूपीए का 2013 में आया था। 2013 में 11,772 किसानों ने खुदकुशी की। देशभर में 1995 से दो लाख 97 हजार 56 किसानों ने जान दी। उनका कहना था कि राजग सरकार दस महीने पहले सत्ता में आई, इसलिए किसानों की खुदकुशी के लिए हमारी नीतियों और कार्यक्रमों को जिम्मेदार नहीं बताया जा सकता।

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