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न्यायिक नियुक्ति आयोग पर सरकार ने मांगी राय

मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की मौजूदा व्यवस्था कोलेजियम सिस्टम को खत्म करने का पूरी तरह से मन बना लिया है। उसने इसका विकल्प बनने वाले न्यायिक नियुक्ति आयोग के स्वरूप और अधिकार क्षेत्र को लेकर विभिन्न सियासी दलों और कानूनविदों की राय मांगी है। सोमवार को यह जानकारी कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में दी।

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 09:05 PM (IST)

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की मौजूदा व्यवस्था कोलेजियम सिस्टम को खत्म करने का पूरी तरह से मन बना लिया है। उसने इसका विकल्प बनने वाले न्यायिक नियुक्ति आयोग के स्वरूप और अधिकार क्षेत्र को लेकर विभिन्न सियासी दलों और कानूनविदों की राय मांगी है। सोमवार को यह जानकारी कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने भी इस आशय के आयोग के गठन को लेकर संसद में संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था, लेकिन 15वीं लोकसभा के भंग हो जाने के कारण उक्त बिल निष्प्रभावी हो गई है। अब उसे व्यापक विचार-विमर्श के बाद बदले हुए स्वरूप में पेश किया जाएगा। एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि शादियों का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए सरकार नए सिरे से संसद में एक विधेयक लाएगी। उनका कहना था, 'उप्र और नवगठित राज्य तेलंगाना को छोड़कर बाकी राज्यों में शादी का पंजीकरण अनिवार्य है।'

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