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गोपाल सुब्रह्माण्यम से न्यायमित्र बने रहने का अनुरोध

सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्माण्यम से पद्मनाभस्वामी मंदिर संपत्ति और प्रबंधन मामले में न्यायमित्र बने रहने का अनुरोध किया है। सुब्रह्माण्यम ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान त्रावणकोर के राज परिवार की ओर से लगाए गए आरोपों से क्षुब्ध होकर न्यायमित्र का पद छोड़ने की पेशकश की थी।

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Wed, 12 Nov 2014 12:17 AM (IST)Updated: Wed, 12 Nov 2014 03:12 AM (IST)
गोपाल सुब्रह्माण्यम से न्यायमित्र बने रहने का अनुरोध

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्माण्यम से पद्मनाभस्वामी मंदिर संपत्ति और प्रबंधन मामले में न्यायमित्र बने रहने का अनुरोध किया है। सुब्रह्माण्यम ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान त्रावणकोर के राज परिवार की ओर से लगाए गए आरोपों से क्षुब्ध होकर न्यायमित्र का पद छोड़ने की पेशकश की थी।

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सुप्रीम कोर्ट में केरल के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर में संपत्ति का विवाद चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गोपाल सुब्रह्माण्यम को इस मामले में अदालत की मदद के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया था। न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुब्रह्माण्यम का प्रस्ताव ठुकराते हुए कहा कि वे उन्हें इस स्थिति में मामले से अलग होने की अनुमति नहीं दे सकते।

सुब्रह्माण्यम ने मंदिर का 35 दिनों तक दौरा किया और लौटकर कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की। सुब्रह्माण्यम ने मंदिर के प्रबंधन में गंभीर खामियों और गंदगी व अव्यवस्था के हालात बताए। मंदिर की संपत्ति के रखरखाव पर भी सवाल उठाए गए हैं।

राजपरिवार ने उठाए सवाल

आज मामले पर सुनवाई के दौरान राज परिवार की ओर से सुब्रह्माण्यम की रिपोर्ट और मंदिर में उनके आचरण पर गंभीर सवाल उठाए गए। राजपरिवार के वकील ने कहा कि सुब्रह्माण्यम ने मंदिर में पूजा पद्धति का उलंघन किया। वे सुबह तीन बजे मंदिर चले गए। वहां जब भगवान सो रहे थे, उस समय विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने लगे। इसके लिए उन्हें मुख्य पुजारी ने मना भी किया। पीठ ने आगे की सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तिथि तय कर दी।

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