चुनाव से लेकर अब तक गाेवा में बदलता रहा राजनीतिक परिदृश्य
गोवा में मनोहर पर्रिकर के शपथ ग्रहण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साफ हो गया है। लेकिन चुनाव होने से लेकर अब तक गोवा में लगातार राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती रहीं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। गोवा में विधानसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद से लेकर अब तक राजनीतिक तौर पर कई परिवर्तन होते दिखाई दिए हैं। इनमें चुनाव परिणामों पर खुशी के साथ-साथ सरकार बनाने की सुगबुगाहट और फिर कांग्रेस द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का घटनाक्रम भी शामिल है। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने वहां की राजनीतिक स्थिति को काफी हद तक साफ कर दिया है। आज मनोहर पर्रीकर गोवा की कमान संभाल लेंगे। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 18 मार्च 2017 को समाप्त हो रहा है। लेकिन इस दौरान हुआ घटनाक्रम अपने आप में काफी दिलचस्प था :-
4 फरवरी 2017: गोवा विधानसभा के 40 सदस्यों के चुनाव के लिये मतदान हुआ।
11 मार्च 2017: गोवा समेत सभी पांच राज्यों का चुनाव परिणाम घोषित किया गया। जिसमें गोवा भी शामिल था।
11 मार्च 2017: यूपी में प्रचंड जीत से उत्साहित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गोवा का चुनाव परिणाम पूरी तरह सामने न आने के बावजूद वहां पर सरकार बनाने की बात कही।
11 मार्च 2017: गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई और उसको 17 सीटें मिलीं। वहीं भाजपा को 13, एमजीपी और गाेवा फॉरवर्ड को तीन-तीन, निर्दलीय उम्मीद्वारों को तीन और एक एनसीपी के खाते में गई।
11 मार्च 2017: मेंडरम सीट से मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर भी चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस के दयानंद रघुनाथ सोपते ने 7119 वोटों से हराया।
11 मार्च 2017: गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिगंबर कामत ने मार्गो सीट से जीत दर्ज की।
12 मार्च 2017: गोवा में सरकार बनाने की जद्दोजहद शुरू हुई। पारसेकर ने इस्तीफा गवर्नर को सौंपा।
12 मार्च 2017: दिल्ली में पीएम मोदी ने बुलाई पार्टी के संसदीय दल की बैठक।
12 मार्च 2017: विधायक दल का नेता चुनने के लिए गडकरी गोवा रवाना हुए और विधायकों के साथ बैठक की।
12 मार्च 2017 मनोहर पर्रीकर के नाम पर गोमंतक पार्टी भाजपा को समर्थन देने को राजी हुई । एक निर्दलीय विधायक ने भी समर्थन दिया।
12 मार्च 2017: भाजपा विधायक दल ने मनोहर पर्रीकर को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना।
13 मार्च 2017: गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर का नाम तय किया गया। उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दिया जिसे राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया।
13 मार्च 2017: भाजपा ने गोवा के गवर्नर से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
13 मार्च 2017: मनोहर पर्रीकर के शपथ ग्रहण समारोह के लिए 14 मार्च का दिन तय किया गया।
13 मार्च 2017: कांग्रेस की तरफ से देर शाम सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के निवास पर एक याचिका दायर की गई। जिसे स्वीकार करते हुए इस पर सुनवाई के लिए मंगलवार का दिन तय किया गया।
14 मार्च 2017: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह गोवा पहुंचे और विधायकों से बैठक की।
14 मार्च 2017: कांग्रेसी नेताओं ने सरकार गठन के लिए गवर्नर से मुलाकात का समय मांगा। गवर्नर ने मुलाकात के लिए दोपहर डेढ़ बजे का समय दिया।
14 मार्च 2017: कांग्रेस के विधायक ने सरकार बनाने को लेकर फैसला न ले पाने के लिए पार्टी नेतृत्व पर लगाया आरोप।
14 मार्च 2017: सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कई सवाल कांग्रेस से पूछे गए।
14 मार्च 2017: कोर्ट ने स्थिति साफ करते हुए गवर्नर के फैसले को उनका विशेषाधिकार बताया।
14 मार्च 2017: कोर्ट ने मनोहर पर्रीकर को 16 मार्च तक सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया।
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