...वो मरकर भी हुई अमर, कई परिवारों के चेहरे पर दे गयी मुस्कान
बेशक 16 साल की किजल पांडे अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उसके अंगदान की वजह से कई परिवारों की जिंदगियों में बहार आ गई है।
मुंबई । उसकी आंखों में तैर रहे सपने बहुत बड़े थे। उसका सपना चार्टर्ड अकाउंटेंट बनकर किसी भी संस्थान का अगुवाई करने का था। लेकिन एक कार सवार की लापरवाही उसके अरमानों पर भारी पड़ी। अपने ख्वाब को पुरा करने के लिए अब वो इस दुनिया में नहीं है। लेकिन कई परिवारों की नाउम्मीदी को वो उम्मीद दे गई। कई परिवारों के चेहरों पर खुशी दे गयी। ये बात दीगर है कि उसका खुद का परिवार गमों के सागर में डूबा हुआ है। 16 साल की किजल पांडे को ये नहीं पता था कि उसकी जिंदगी का सफर उसके सपनों पर भारी पड़ने वाला है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक ठाणे के अरुणोदय स्कूल में पढ़ने वाली किजल पिछले महीने अपनी मां के साथ स्कूटी पर सवार होकर शॉपिंग करने जा रही थी। कार सवारों की लापरवाही उसके ऊपर इतनी भारी पड़ी कि वो दुर्घटना का शिकार हो गयी। गंभीर रूप से घायल किजल के सिर में अंदरुनी चोटें आईं। वो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी। लेकिन डॉक्टर उसे बचाने में नाकाम रहे। किजल के परिवार ने उसकी किडनी, लीवर को दान देने का फैसला किया। किजल बेशक अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन इस दुनिया से रुखसती के बाद भी न जाने कितने लोगों को खुशी दे गयी। हालांकि किजल का भाई अभी भी सदमे से उबर नहीं सका है।
किजल के परिवार का कहना है कि ये यकीन कर पाना मुश्किल है कि अब वो इस दुनिया में नहीं है। लेकिन हमें सच्चाई को स्वीकार करना होगा। किजल के प्रिंसिपल का कहना है कि वो होनहार छात्रों में से एक थी। वहीं उसके दोस्तों का कहना है कि ये विश्वास करना मुश्किल है कि अब वो हमारे बीच नहीं है। उसके जन्मदिन से महज 10 दिन पहले ये हादसा किसी सदमे से कम नहीं है। वो हम लोगों के बीच में मौजूद नहीं है। लेकिन उसकी यादों को भुला पाना आसान नहीं होगा। गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा आयोजित परीक्षा में किजल को 8.61 सीजीपीए हासिल हुआ था।
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