यूपी में ये चार विभाग सबसे भ्रष्ट, दलालों को भगाने के निर्देश
पब्लिक सालों से भुगत रही थी, अब मुख्यमंत्री ने भी मान लिया। तहसील, समाज कल्याण विभाग, जिला पूर्ति कार्यालय और प्रोबेशन विभाग दलालों के अड्डे हैं। हर कदम पर भ्रष्टाचार है। कागज के बदले जो नोट न दे, उसे आफिसों के चक्कर बार-बार लगाने होते हैं। इन चार विभागों की असल तस्वीर लखनऊ तक पहुंच गई। अब सूबे के मुख्यमंत्री फिक
बरेली, [नवनीत मिश्र]। पब्लिक सालों से भुगत रही थी, अब मुख्यमंत्री ने भी मान लिया। तहसील, समाज कल्याण विभाग, जिला पूर्ति कार्यालय और प्रोबेशन विभाग दलालों के अड्डे हैं। हर कदम पर भ्रष्टाचार है। कागज के बदले जो नोट न दे, उसे आफिसों के चक्कर बार-बार लगाने होते हैं। इन चार विभागों की असल तस्वीर लखनऊ तक पहुंच गई। अब सूबे के मुख्यमंत्री फिक्रमंद है। बीते दिनों लखनऊ में हुई बैठक में सभी जिलाधिकारियों से इस बाबत चिंता जताई। खासकर इन चारों विभागों की हालत सुधारने पर जोर दिया।
सरकारी कार्यालयों में बढ़ते भ्रष्टाचार और दलालों के दखल ने प्रदेश सरकार की साख पर बट्टा लगाने का काम किया है। बीते दिनों मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अफसरों को लखनऊ बुलाकर इस पर चिंता भी जता दी। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए। अब बैठक के इन निर्देशों को सभी विभागों में भेजा गया है। डीएम की तरफ से जिला स्तरीय अफसरों, खासकर एसडीएम और बीडीओ को निर्देश भेजे गए हैं कि सरकारी कार्यालयों की छवि सुधारी जाए। कहा गया कि समाज कल्याण, तहसीलों, जिला प्रोबेशन और पूर्ति विभाग की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। लिहाजा इन विभागों में अलर्ट जारी करते हुए दलालों को चिन्हित कर कार्रवाई हो। इसके लिए विभागीय अधिकारी दफ्तर में सक्रिय बाहरी लोगों की खोज कर कार्रवाई करें।
बताना होगा कि कितनों की फरियाद सुनी
सभी अधिकारियों को सुबह दस से 12 बजे के बीच दफ्तर में बैठने का पहले से फरमान है। अब अधिकारियों को इस दरमियान आने वाले फरियादियों की शिकायत को एक अलग रजिस्टर पर दर्ज करना होगा। इसमें शिकायत और उस पर की गई कार्रवाई का विवरण लिखना होगा। डीएम या अन्य उच्चाधिकारी समय-समय पर इसकी पड़ताल कर पता लगाएंगे कि अधिकारी ने दफ्तर में जन सुनवाई को कितना समय दिया और कितनी समस्याओं का निस्तारण किया।
गलत फरमाइश मेरे संज्ञान में लाओ
डीएम संजय कुमार ने अधिकारियों से कहा है कि अगर कोई गलत फरमाइश करें तो तत्काल मामला उनके संज्ञान में लाया जाए।