भारी बारिश से कई राज्यों में बाढ़, असम में 5 की मौत, उत्तराखंड में 2 छात्र बहे
असम में पांच की मौत, उत्तराखंड में दो छात्र बहे, बिहार के कई गांव डूबे...
जेएनएन, नई दिल्ली : मूसलधार बारिश के कारण कई राज्य फिर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कई राज्यों भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। असम में दोबारा बाढ़ के चलते शनिवार को पांच लोगों को मौत हो गई। उत्तराखंड में दो छात्र बह गए। बिहार और पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात बन गए हैं।
असम में शनिवार को बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई। राज्य के 19 जिलों में करीब 11 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
दक्षिण बंगाल में बाढ़ के हालात में अभी पूरी तरह सुधार नहीं हो पाया था कि अब उत्तर बंगाल भारी बारिश की चपेट में आ गया है। कूचबिहार में नदी के तेज बहाव में बहने से एक युवक की मौत हो गई। वहीं दार्जिलिंग व कर्सियांग में जमीन धंसने से दो लोगों की जान चली गई। न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन में ट्रैक पर पानी आ जाने से तीन ट्रेनों को रद कर दिया गया है। जलपाईगुड़ी, अलीपुरदुआर, कूचबिहार, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। बारिश ने 1993 में हुई बारिश का रिकार्ड तोड़ दिया है। महानंदा नदी के पानी के खतरे का निशान छूने से सिलीगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कटला नदी के बांध में दरार आ गई है।
बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। उत्तर बिहार, पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पश्चिम चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा जिले के गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से अफरातफरी मची है। पश्चिम चंपारण के सिकटा में दोन कैनाल का तटबंध टूट गया। बागमती नदी में अलग-अलग स्थानों पर तीन लोग डूब गए। किशनगंज के देशियाटोली पंचायत में शनिवार को नाव डूबने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो लोग लापता बताए जाते हैं। अररिया में रेल सेवा रुक गई है। सुपौल में अब कोसी आक्रामक तेवर दिखा रही है। गांवों में पांच से सात फीट तक पानी घुसा हुआ है। सहरसा जिले में भी तटबंध के अंदर बसे दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हैं। मधेपुरा के एक दर्जन गांव जलमग्न हैं। अररिया के सिकटी में बकरा व नूना नदियों में आई बाढ़ से दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हैं। किशनगंज के 50 गांव में बाढ़ की चपेट में हैं।
उत्तर प्रदेश में राप्ती नदी का पानी 50 गांवों में घुस गया है। घाघरा, शारदा, मोहाना, सरयू नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बलरामपुर में नेपाल से राप्ती में एक लाख 32 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। लखीमपुर शारदा व घाघरा नदियों से गांवों में पानी पहुंचने लगा है। 100 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। गोंडा में सरयू व घाघरा में बाढ़ से कर्नलगंज, नवाबगंज, बेलसर के 350 गांव के लोग जूझ रहे हैं। उत्तराखंड में नैनीताल जिले के रामनगर में नदी के तेज बहाव में नोएडा की एमिटी विश्वविद्यालय के दो छात्र बह गए। इसके अलावा पिथौरागढ़ में टनकपुर तवाघाट हाईवे 12 घंटे बंद रहा।
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